बेंजामिन नेतन्याहू और एंटनी ब्लिंकन के बीच हुई बहुत बार की टेलीफोन चर्चाओं के बाद, अमेरिकी विदेश मंत्री ब्लिंकन ने तेल अवीव का दौरा किया। यह दौरा हमास को कुचलने का संकल्प दिखाता है, जिसका समर्थन अमेरिका ने जताया है। ब्रिटिश और जर्मन विदेश मंत्रियों के भी तेल अवीव दौरे का ऐलान किया गया है, जो पश्चिमी देशों के साथ इजरायल के साथ खड़े होने की पुनरावृत्ति कर रहे हैं।
इजरायली सेना ने गुरुवार को एक बयान में जारी करके बताया कि उन्होंने गाजा में हमास के ठिकानों पर लगभग 6,000 गोलों और रॉकेटों से बमबारी की है, जिसमें कुल 4,000 टन विस्फोटक शामिल हैं। इस युद्ध में अब तक इजरायल के करीब 1,200 लोगों की मौत हो चुकी है, जिससे यह सबसे घातक आतंकी हमला है इस्राइल के 75 साल के इतिहास में भयंकर हमला है।
इस युद्ध के दौरान, नेतन्याहू ने इजरायल के खिलाफ हमले करने वाले हमास आतंकवादियों के साथ इस्लामिक स्टेट समूह के तर्ज पर व्यवहार करने का संकल्प लिया है। इसके साथ ही, अमेरिकी समर्थन के लिए ब्लिंकन ने तेल अवीव पहुंचकर इजरायल को समर्थन दिखाया है।
युद्ध की दरम्यानी स्थिति में बीच-बीच में इजरायल और हमास के बीच हुई चर्चाओं के बाद, इजरायल ने यह बताया कि गाजा पट्टी पर राज करने वाले हमास के साथ इस्लामिक स्टेट ग्रुप की तरह व्यवहार किया जाना चाहिए।
बिना किसी रुकावट के, इस युद्ध में अमेरिका की ओर से विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन का तेल अवीव पहुंचना भारतीय नागरिकों के लिए भी एक बड़ी राहत है। इससे स्पष्ट है कि अमेरिका भारत के साथ खड़ा है और इस युद्ध में इजरायल को समर्थन देने के लिए तैयार है।