निक्की हेली ने अपने उम्मीदवारी के माध्यम से एक महत्वपूर्ण बयान दिया है, जिसमें वह भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान, दक्षिण कोरिया और फिलीपीन जैसे देशों के साथ संबंधों को मजबूत करने का वादा किया है। उन्होंने कहा कि अगर वह राष्ट्रपति बनीं तो उनका प्रशासन न केवल उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के साथ बल्कि भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान, दक्षिण कोरिया और फिलीपीन सहित कई अन्य देशों के साथ अपने संबंधों को मजबूत करेगा।
निक्की हेली ने ट्रंप के पुनः चयन के खतरे को भी उजागर किया है, जिससे नाटो के साथ संबंधों के लिए खतरा हो सकता है। उन्होंने अमेरिका के नाटो संबंधों की महत्वपूर्णता को बताया और ट्रंप के पुनः चयन की स्थिति में यहाँ तक कहा कि यह एक खतरनाक समय हो सकता है।
निक्की हेली की इस घोषणा से चीन की चिंता बढ़ी है, क्योंकि वह चीन के साथ संबंधों को मजबूत करने की बजाय उसके विरोध में खड़े होने का वादा कर रही है। इसके अलावा, भारत को भी इस बयान से बड़ा फायदा हो सकता है, क्योंकि उसके साथ अमेरिकी संबंधों को मजबूत करने का वादा किया गया है। इससे भारत को अपने राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा के क्षेत्र में अधिक समर्थ बनाने का आशा किया जा सकता है।
ट्रंप के चयन में भय
नाटो के संबंध में भी निक्की हेली ने चिंता जताई है, क्योंकि वह ट्रंप के पुनः चयन के मामले में खतरे की चेतावनी दे रही है। उन्होंने कहा कि ट्रंप के पुनः चयन की स्थिति में नाटो के साथ संबंधों के लिए खतरा हो सकता है, क्योंकि ट्रंप ने पूर्व में इस गठबंधन को लेकर आलोचना की थी। इससे पहले कई बार वह नाटो को संघर्ष की स्थिति में डालने की बात कर चुके हैं, जिससे गठबंधन की मजबूती पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
विपक्षियता की भविष्यवाणी
नाटो एक महत्वपूर्ण संगठन है, जो 31 सदस्य देशों का एक अंतरसरकारी सैन्य गठबंधन है। इसका उद्देश्य यूरोप और उत्तरी अमेरिका के बीच सशक्त संबंधों को बनाए रखना है। निक्की हेली की चिंता के माध्यम से यह स्पष्ट होता है कि अमेरिका के राष्ट्रपति का चयन नाटो के लिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि उसके चयन के माध्यम से संगठन की स्थिति बदल सकती है।
निक्की हेली की ‘क्वाड’ संगठन की मजबूती पर बात
निक्की हेली ने अपने बयान में भारत के साथ ‘क्वाड’ संगठन को भी मजबूत करने का वादा किया है। इससे स्पष्ट होता है कि वह अमेरिका के द्वारा बनाए गए महत्वपूर्ण गठबंधनों को बढ़ावा देने के लिए तत्पर हैं। ‘क्वाड’ संगठन में भारत के साथ अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान शामिल हैं, और इसका उद्देश्य चीन के विरुद्ध एक मजबूत सांघर्ष का निर्माण करना है। निक्की हेली के बयान से स्पष्ट होता है कि वह अमेरिका के संबंधों को अधिक समर्थ बनाने के लिए भारत के साथ मिलकर कठिन प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए तैयार हैं।