निसार मिशन, जिसका पूरा नाम “नासा-इसर एपर्चर रडार” है, एक महत्वपूर्ण अंतरिक्ष मिशन है जिसे नासा और इसरो मिलकर चला रहे हैं। यह मिशन वैश्विक अंतरिक्ष अनुसंधान की एक महत्वपूर्ण कड़ी में है, और इसके पीछे कई महत्वपूर्ण उद्देश्य हैं।
निसार सैटेलाइट को सबसे महंगे सैटेलाइट के रूप में देखा जा रहा है, जिसका वजन लगभग 2600 किग्रा है और इसकी लागत करीब 1.5 बिलियन डॉलर है। इस सैटेलाइट का मुख्य उद्देश्य धरती के सतह की छवियों को अत्यंत उच्च गुणवत्ता वाले रडार इमेजिंग के माध्यम से प्राप्त करना है। यह धरती पर 5 से 10 मीटर के दायरे में तस्वीरों को खींचने में सक्षम होगा | निसार का एक और महत्वपूर्ण उद्देश्य है समुद्र के बढ़ते जलस्तर की निगरानी करना, खासतौर से ग्लेशियरों की प्रकृति को सुक्ष्मता से समझने में मदद मिलेगी। इसके माध्यम से हम सुनामी और भूकंप के जोखिम को भी समझ सकेंगे, जिससे हम तय कर सकेंगे कि इन प्राकृतिक आपदाओं से लोगों को कैसे बचाया जा सकता है।
निसार मिशन के रूप में नासा और इसरो का मिलकर काम करना एक महत्वपूर्ण पहल है जो अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है। इसरो के रॉकेट पर भी अब दुनिया के ताकतवर मुल्कों को भरोसा है, और इसका परिणाम निसार मिशन के रूप में दिखाई भी दे रहा है।
इसी तरह, निसार मिशन धरती के अनगिनत रहस्यों को खोलने का साहस रखता है, और हमें अंतरिक्ष से आने वाली नई जानकारी का स्रोत प्रदान करता है। यह मिशन अंतरिक्ष अनुसंधान में एक महत्वपूर्ण कदम है जो हमारे धरती के और उसके पर्यावरण के बारे में हमें और अधिक ज्ञान प्रदान करेगा।