क्या कहें भैया! कितनी महकती हुई बातें हैं ये! ऐसा लगता है कि नीतीश जी ने एक सार्वजनिक मंच पर अपनी ज़ुबान को कुछ ज्यादा ही छूट दे दिए है. समझ से परे बातें करने का शौक तो हमें भी है, लेकिन इतना ‘बी ग्रेड’ कंटेंट सुनकर तो हमें भी थोड़ा हैरानी हो रही है. ऐसा भाषण देने का क्या मकसद था, यह सबको समझ में नहीं आ रहा है.
आपने सही कहा, जनसंख्या नियंत्रण एक महत्वपूर्ण विषय है, लेकिन उसे इस प्रकार के शैली में बयान करने की जरूरत नहीं होती. ऐसा भाषण सुनकर लोगों को भी आपकी शिक्षा की जरूरत है, कि एक समझदार और सभी को सम्मान देने वाला तरीके से ही हम इस महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा करें.
आपने बिलकुल ऐसे वाते की है जैसे कि साक्षरता और सेक्स को सिर्फ़ और सिर्फ़ एक सिक्के के दो पहलू मान लिए है. इससे न तो शिक्षित जनसंख्या बढ़ती है और न ही समाज में सबका समर्थन मिलता है. हमें आपकी बातों से सहमति है, और हम भी. उम्मीद करते हैं कि नीतीश जी भविष्य में इस तरह के बयानों से बचें और सामाजिक मुद्दों पर सही दिशा में काम करें. आपसे यह भी अपील है कि आप ऐसे मुद्दों पर अपनी राय देने के लिए सक्रिय रूप से भागीदारी लें, ताकि सही और समर्थन करने वाले उपायों को हम सब मिलकर प्रोत्साहित कर सकें.
नीतीश जी.. सेक्स शिक्षा जरूरी है लेकिन इसके नाम पर गदंगी फैलाना बिल्कुल भी सही नहीं है. शुक्र मनाइये कि आप मुख्यमंत्री हैं. परिवार नियोजन पर आपका ‘रसीला भाषण’ सिर्फ नेताओं ने ही सुना.. अगर पब्लिक के बीच ऐसे बाते करते , तो शायद न ही मंच रहता ना ही हाथ में माइक.और जो आप माड़ी डालकर 1कुर्तवा पहनते हैं उहो फट जाता.
लेकिन बात छोड़िये.. ये बताइये कि कौन सी लड़की आपको आकर यह कहेगी कि ‘मेरा पति रोज रात को करता है’? बिहार ही नहीं पूरे देश की जनता जनसंख्या नियंत्रण को लेकर अब चिंता करने लगी है. आपने ही कहा कि प्रजनन दर पहले की तुलना में बहुत कम हो गई है. फिर लड़कियों की पढ़ाई के नाम पर ऐसे टेढ़े बोल आपके मन में आए कैसे? चलिये मान लेते हैं सदन में जातिगत जनगणना पर बार्तालाप हो रही थी. जनगणना के सर्वे में कई गलतिया सामने आईं..
क्या इन सभी समस्याओं की जड़ में ‘सेक्स’ जुड़ा हुआ है? साक्षरता को सिर्फ सेक्स से जोड़ना कहां तक बाजिव है? आपके भाषण से पूरी दुनिया को मोटा-मोटी यही संदेश मिला है कि साक्षरता और सेक्स एक ही सिक्के के दो पहलू हैं!जबकि वास्तविकता इससे बिल्कुल अलग है नीतीश बाबू. आधुनिकता के इस युग में कम पढ़े-लिखे भी अपनी हैसियत के हिसाब से परिवार वृधि में विश्वास रखते हैं. खैर छोड़िये.. बिहार की अन्य समस्याओं पर आपकी जुबान इतनी देर तक क्यों नहीं फूटी? और सेक्स पर प्रांरम्भ हुए तो रुकेने तक का नाम नहीं लिए !
नीतीश जी अब तो ये लगता है कि यह ‘सेक्स’ आपका पसंदीदा विषय है. ऐसा कहना इसलिए भी उचित है क्योंकि सदन में एक बार पहले भी आप इसी तरह सेक्स पर चिल्ला-चिल्ला कर ज्ञान बाँट चुके हैं. तब भी आपके वातो पर बवाल मचा था. काश आप पिछले वाक्य का ख्याल रखकर इस बार बोलते-बोलते चुप हो गए होते.. लेकिन आपने अपने अश्लील भाषण का सीक्वल बना दिया. आगे आपसे अपेक्षा करना बेकार है लेकिन फिर भी यही कहूंगा.. ‘ईश्वर आपको सद्बुद्धि दे’.