मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज कैबिनेट की बैठक बुलाई थी और इसमें कई महत्वपूर्ण फैसले किए गए हैं। इस बैठक में सबसे महत्वपूर्ण निर्णयों में से एक है, बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने के लिए केन्द्र सरकार से आग्रह करने का प्रस्ताव पास किया गया है।
मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के माध्यम से इस निर्णय की सूचना साझा की है और कहा है, “आज कैबिनेट की बैठक में बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने के लिए केन्द्र सरकार से अनुरोध करने का प्रस्ताव पारित किया गया है। मेरा अनुरोध है कि बिहार के लोगों के हित को ध्यान में रखते हुए केन्द्र सरकार बिहार राज्य को शीघ्र विशेष राज्य का दर्जा दे।”
नीतीश कुमार ने इस निर्णय के महत्व को बताते हुए कहा, “देश में पहली बार बिहार में जाति आधारित गणना का काम कराया गया है। जाति आधारित गणना के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक स्थिति के आंकड़ों के आधार पर अनुसूचित जाति के लिए आरक्षण सीमा को 16 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण की सीमा को 1 प्रतिशत से बढ़ाकर 2 प्रतिशत, अत्यंत पिछड़ा वर्ग के लिये आरक्षण की सीमा को 18 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत तथा पिछड़ा वर्ग के लिये आरक्षण की सीमा को 12 प्रतिशत से बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया है।
सामाजिक रूप से कमजोर तबकों के लिए आरक्षण सीमा को 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 65 प्रतिशत कर दिया गया है। सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिये 10 प्रतिशत आरक्षण पूर्ववत लागू रहेगा।”
इसके अलावा, नीतीश कुमार ने बिहार में गरीब परिवारों को आर्थिक सहायता पहुंचाने के लिए कई योजनाएं घोषित की हैं, जिसमें जमीन क्रय के लिए सहायता, मकान निर्माण के लिए राशि, और सतत् जीविकोपार्जन योजना के अंतर्गत निर्धन परिवारों को अधिक राशि प्रदान की जाएगी।
इन निर्णयों के प्रति जनता की प्रतिक्रिया अभी से हो रही है, और बिहार सरकार ने इन कदमों के माध्यम से गरीबों और आम जनता की सुरक्षा और सामाजिक समर्थन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दिखाया है।