बिहार : बक्सर:-दिल्ली के आनंद विहार टर्मिनल से कामाख्या जाने वाली नार्थ ईस्ट एक्सप्रेस के दुर्घटनाग्रस्त होने के मामले की जांच शुरू हो गई है। रेलवे बोर्ड ने दुर्घटना के तुरंत बाद घटना की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए जिसके बाद अधिकारियों की टीम इस घटना की जांच में जुट गई है। इस जांच के दौरान सामने आई बड़ी जानकारी यह है कि इस रूट में रेल की पटरियां कइ जगह टूटी हुई मिली हैं, जिससे पटरियों से छेड़छाड़ की आशंका है। हालांकि, अधिकारी यह कहने से अभी साफ बच रहे हैं कि घटना पटरियों के टूटने से हुई या घटना के बाद पटरियां इस तरह से क्षतिग्रस्त हुई।
इस मामले में कोई तकनीकी खराबी थी, पटरी पर अवरोध था या ट्रेन के जाने से पहले पटरी टूटी हुई थी इन सभी बातो पर एक साथ जांच शुरू हो गई है। इसके साथ ही मामले में गार्ड और ड्राइवर ने सतर्कता दिखाते हुए ट्रेन के दुर्घटनाग्रस्त होने की सूचना रेलवे कंट्रोल को दे दी। घटना के बाद ट्रेनों का आवागमन अप और डाउन लाइन पर आनन-फानन में पूरी तरह बंद कर दिया गया है।
उच्चस्तरीय कमेटी मामले की जांच कमेटी गठित कर मामले की जांच शुरू हो गई है और घटना पर जोन और रेल मंडल के शीर्ष अधिकारी कर्मचारियों के साथ मिलकर जाँच एवं रहत कार्य कर रहे हैं। अब तक की जांच में यह बात सामने आई है कि बक्सर से खुलने के नौ मिनट के बाद नार्थ ईस्ट एक्सप्रेस पटरियों पर दुर्घटनाग्रस्त हो गई। जिस समय यह हादसा हुआ ट्रेन की रफ्तार 110 से 120 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से चल रही थी। यही वजह रही कि हादसे के बाद ट्रेन के एक दो बोगियों को छोड़कर लगभग सभी कोच अप लाइन की पटरी पर आड़े तिरछे जा गिरी।वर्तमान में राहत और बचाव कार्यों पर फोकस किया जा रहा है, और उच्चस्तरीय कमेटी मामले की जांच के लिए गठित की गई है। स्थानीय लोग, रेल प्रशासन, और जिला प्रशासन सहित सभी संबंधित अधिकारी राहत और बचाव मामले में जुटे हैं और स्थिति का संज्ञान लेने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं।
हादसे के पीछे की वजह की जांच शुरू है और जो भी इस मामले में दोषी होगा उस पर कड़ी कार्रवाई होगी।
इस मामले में घटना स्थल पर पहुंचकर स्थानीय सांसद अश्वनी चौबे ने बताया कि इस घटना की जांच की जा रही है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी इसकी सूचना दी गई है।उन्होंने ने यह भी कहा है कि राहत कार्य जारी है और जो लोग भी इसमें दोषी हैं, उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।