दिल्ली: राजधानी दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित राव कोचिंग सेंटर में हुए हादसे ने एक बार फिर कोचिंग सेंटरों में सुरक्षा मानकों की पोल खोल दी है। इस हादसे में तीन छात्रों की मौत हो गई और इसके बाद से ही इलाके में हड़कंप मचा हुआ है। इस घटना के बाद दिल्ली नगर निगम (MCD) ने बड़ी कार्रवाई शुरू की है और राव कोचिंग सेंटर के बाहर अवैध अतिक्रमण पर बुलडोजर चल रहा है।
अवैध अतिक्रमण हटाने का अभियान
ओल्ड राजेंद्र नगर में राव कोचिंग सेंटर के बाहर एमसीडी ने अवैध अतिक्रमण हटाने का अभियान शुरू कर दिया है। इस दौरान बुलडोजर का इस्तेमाल किया जा रहा है और भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। इलाके में कोचिंग सेंटरों के बीच हड़कंप मचा हुआ है और सभी संस्थान अपने-अपने अतिक्रमण हटाने में जुट गए हैं। एमसीडी की इस कार्रवाई से स्पष्ट है कि अब अवैध निर्माण और अतिक्रमण के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।
जेई को टर्मिनेट, एई निलंबित
राव कोचिंग सेंटर में हुए हादसे के बाद एमसीडी के आयुक्त अश्वनी कुमार ने बड़ी कार्रवाई की है। उन्होंने इस मामले में जेई (जूनियर इंजीनियर) को टर्मिनेट कर दिया है और एई (असिस्टेंट इंजीनियर) को निलंबित कर दिया है। यह कदम प्रशासनिक लापरवाही को रोकने और अधिकारियों को उनके कर्तव्यों के प्रति सतर्क करने के लिए उठाया गया है।
अब तक 7 गिरफ्तारियां
दिल्ली पुलिस ने राजेंद्र नगर हादसे के मामले में अब तक कुल 7 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसमें कोचिंग के मालिक और कोऑर्डिनेटर शामिल हैं। पुलिस ने कहा है कि हम इस मामले में शामिल सभी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। पुलिस ने एफआईआर बीएनएस की धारा 105, 106(1), 115(2), 290 और 3(5) में दर्ज की है और कोचिंग की गाड़ी भी जब्त कर ली है।
जयपुर में भी सतर्कता
दिल्ली में हुए इस हादसे के बाद जयपुर में भी प्रशासन सतर्क हो गया है। जयपुर के पुलिस कमिश्नर ने सभी कोचिंग सेंटरों और लाइब्रेरी की डिटेल सभी थानों से मांगी है। कौन सी कोचिंग या लाइब्रेरी बेसमेंट में या गलत तरीके से चल रही है, उसकी जांच की जाएगी। यह कदम भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए उठाया गया है।
छात्रों की सुरक्षा पर सवाल
इस हादसे ने एक बार फिर कोचिंग सेंटरों में छात्रों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। कई कोचिंग सेंटर अवैध निर्माण और सुरक्षा मानकों की अनदेखी कर संचालित हो रहे हैं। इस हादसे ने प्रशासन और कोचिंग सेंटरों को जागरूक किया है कि सुरक्षा मानकों का सख्ती से पालन करना आवश्यक है।
कोचिंग सेंटरों की जिम्मेदारी
कोचिंग सेंटरों की जिम्मेदारी है कि वे अपने संस्थान में सभी आवश्यक सुरक्षा उपाय करें और छात्रों की सुरक्षा को प्राथमिकता दें। अवैध निर्माण और अतिक्रमण न केवल कानून के खिलाफ हैं बल्कि छात्रों की जान के लिए भी खतरा बन सकते हैं।
प्रशासन की सख्ती
एमसीडी और पुलिस की इस सख्ती ने कोचिंग सेंटरों को चेतावनी दी है कि अवैध निर्माण और अतिक्रमण के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे। प्रशासन की यह कार्रवाई अन्य कोचिंग सेंटरों के लिए भी एक संदेश है कि वे सभी नियमों का पालन करें और छात्रों की सुरक्षा को प्राथमिकता दें।
ओल्ड राजेंद्र नगर हादसा एक दुखद घटना है जिसने तीन निर्दोष छात्रों की जान ले ली। इस हादसे ने कोचिंग सेंटरों में सुरक्षा मानकों की कमी को उजागर किया है और प्रशासन को सख्त कदम उठाने के लिए मजबूर किया है। एमसीडी की कार्रवाई और पुलिस की सख्ती से उम्मीद है कि भविष्य में इस प्रकार की घटनाएं न होंगी और सभी कोचिंग सेंटर सुरक्षा मानकों का सख्ती से पालन करेंगे। छात्रों की सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है और इसे किसी भी कीमत पर नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।