यह रिपोर्ट 2 सितंबर 2023 को पैनल के गठन के बाद से हितधारकों और एक्सपर्ट्स परामर्श और 191 दिन के रिसर्च का नतीजा है। वन नेशन-वन इलेक्शन पर कोविंद कमेटी द्वारा बनाई गई रिपोर्ट का महत्वपूर्ण और उपयोगी होने के संदर्भ में चर्चा करने के लिए यह महत्वपूर्ण है कि हम समझें कि यह क्या है और इसका क्या मतलब है।
पहले बात करते हैं कि “वन नेशन-वन इलेक्शन” क्या है। यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण प्रस्ताव है जिसमें सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में एक ही समय पर चुनाव आयोजित किए जाएं। इससे चुनाव प्रक्रिया में सुधार होता है और लोगों को एक ही समय पर चुनावी प्रक्रिया में भाग लेने का मौका मिलता है।
इसके साथ ही, वन नेशन-वन इलेक्शन के माध्यम से चुनाव की खर्च को भी कम किया जा सकता है। वर्तमान में, जब किसी भी राज्य में चुनाव होता है, तो उसमें अनेक बार चुनाव की प्रक्रिया में देरी होती है और इससे भारी खर्च होता है। लेकिन अगर सभी राज्यों में चुनाव एक ही समय पर होंगे तो इससे चुनाव की लागत कम होगी और सरकार को भी इसमें आरक्षित धन को और सही तरीके से उपयोग में लाने का मौका मिलेगा।
कोविंद कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार, एक साथ चुनावों को 2029 में लागू किया जाना सुझावित किया गया है। इस रिपोर्ट के तैयार होने में 191 दिनों का समय लगा और इसमें 18,626 पन्नों की रिपोर्ट शामिल है।
इस समय, जब भारत दुनिया की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक राजनीतिक प्रणाली है, और लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए हमें ऐसे प्रस्तावों का समर्थन करना चाहिए जो लोगों को ज्यादा से ज्यादा सक्षम करे और चुनावी प्रक्रिया को अधिक निष्पक्ष और पारदर्शी बनाए रखें। वन नेशन-वन इलेक्शन इसी प्रकार का एक प्रस्ताव है जो हमें इस दिशा में एक कदम आगे बढ़ाने का मौका देता है।
वन नेशन-वन इलेक्शन कमेटी की रिपोर्ट में एक साथ चुनावों के लिए सिफारिश की गई है। इससे लोगों को एक ही समय पर चुनावी प्रक्रिया में भाग लेने का मौका मिलेगा और चुनावी प्रक्रिया में सुधार होगा। इससे चुनाव की लागत भी कम होगी और लोगों को एक साथ चुनावी प्रक्रिया में भाग लेने का मौका मिलेगा।
रिपोर्ट में सुझाव दिए गए हैं कि सभी राज्यों में एक ही समय पर चुनावों का आयोजन किया जाए और इससे चुनावी प्रक्रिया में सुधार होगा। इससे लोगों को एक ही समय पर चुनावी प्रक्रिया में भाग लेने का मौका मिलेगा और चुनावी प्रक्रिया में सुधार होगा।
इसके साथ ही, रिपोर्ट में सुझाव दिए गए हैं कि हंग हाउस, नो कॉन्फिडेंस मोशन होने पर बाकी पांच साल के कार्यकाल के लिए नए सिरे से चुनाव कराए जा सकते हैं। इससे चुनाव प्रक्रिया में सुधार होगा और लोगों को अधिक निष्पक्ष और पारदर्शी चुनावी प्रक्रिया में भाग लेने का मौका मिलेगा।
वन नेशन-वन इलेक्शन कमेटी की रिपोर्ट में सुझाव दिए गए हैं कि पहले चरण में लोकसभा-विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जा सकते हैं, उसके बाद दूसरे चरण में 100 दिनों के भीतर लोकल बॉडी के इलेक्शन कराए जा सकते हैं। इससे लोगों को एक ही समय पर चुनावी प्रक्रिया में भाग लेने का मौका मिलेगा और चुनावी प्रक्रिया में सुधार होगा।
वन नेशन-वन इलेक्शन कमेटी की रिपोर्ट में एक साथ चुनावों के लिए 2029 में चुनाव कराने की सिफारिश की गई है। इससे चुनाव प्रक्रिया में सुधार होगा और लोगों को एक ही समय पर चुनावी प्रक्रिया में भाग लेने का मौका मिलेगा।
वन नेशन-वन इलेक्शन कमेटी की रिपोर्ट को लागू करने के लिए आवश्यक है कि सभी राजनीतिक दलों को इसका समर्थन करना चाहिए। यह राष्ट्र के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है जो हमें लोकतंत्र को मजबूत करने में मदद करेगा और लोगों को अधिक निष्पक्ष और पारदर्शी चुनावी प्रक्रिया में भाग लेने का मौका देगा।