पाकिस्तान में मतदान जारी है। पूर्व पीएम इमरान खान ने जेल से ही वोट डाला है। इसी बीच एक इंटरनेशनल रिपोर्ट ने चेताया है कि यदि चुनाव में धांधली हुई तो बवाल मच सकता है। जानिए रिपोर्ट में और क्या कहा?
आज पाकिस्तान में आम चुनाव है। सुबह से ही मतदान जारी है। चुनाव को लेकर सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं। किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए 6500 से ज्यादा सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है। हिंसा और आतंकवाद के साए में ये चुनाव हो रहे हैं। ऐसे में एक अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट ने डरा दिया है।इस अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट के मुताबिक यदि पाकिस्तान के चुनाव में धांधली हुई तो बवाल मच जाएगा।
चुनाव को लेकर की गई ये भविष्यवाणी
पाकिस्तान में गुरुवार को होने वाले 10वें आम चुनाव से पूर्व अंतरराष्ट्रीय क्राइसिस ग्रुप (आईसीजी) की एक रिपोर्ट में भविष्यवाणी की गई है कि चुनाव में कोई भी पार्टी जीते, उसकी वैधता को चुनौती मिलनी तय है द न्यूज की खबर में रिपोर्ट के हवाले से बताया गया है कि प्रक्रिया में खामियों को दूर करने के अवसर तेजी से कम हो रहे हैं, इसलिए चुनाव के समय मतदान पर विवाद हो सकता है।
PTI को एकसमान चुनाव चिह्न न मिलने पर विवाद
रिपोर्ट बताती है कि देश में गहरे ध्रुवीकरण के बीच उच्च न्यायपालिका ने यथोचित प्रतिस्पर्धी चुनाव के सामने आने वाली कुछ बाधाओं को दूर कर दिया है, लेकिन दूसरी ओर, चुनाव आयोग के फैसले को सुप्रीम कोर्ट का समर्थन मिला है। पीटीआई को एक समान चुनाव चिह्न न दिए जाने से भयंकर विवाद छिड़ गया है। “पाकिस्तान गहरे राजनीतिक ध्रुवीकरण और पूर्व PM इमरान खान की PTI पर सैन्य कार्रवाई के माहौल में आम चुनाव करा रहा है।
विवादित मतदान से सरकार की वैधता को मिल सकती है चुनौती
the news की रिपोर्ट के मुताबिक, आईसीजी एशिया के निदेशक हुआंग ले थू ने बताया, चुनाव आयोग को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि PTI सहित सभी दल चुनाव लड़ें और सभी मतदाता, विशेषकर महिलाएं, अपना वोटिंग करने में सक्षम हों। एक विवादित मतदान से आने वाली सरकार की वैधता को नुकसान पहुंचाएगा, जिससे ‘राजनीतिक और आर्थिक अस्थिरता से निपटने के लिए उसके पास कोई पर्याप्त संसाधन नहीं होंगे जिनका आना निश्चित है।
नकदी की कमी से जूझते पाकिस्तान के लिए ये चुनौती
रिपोर्ट में बताया गया है, नकदी/आर्थिक की कमी से जूझ रहे पाकिस्तान को बाहरी मदद के निरंतर प्रवाह को सुनिश्चित करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के साथ एक नया, दीर्घकालिक समझौता महत्वपूर्ण होगा। लेकिन ऐसा समझौता राजनीतिक स्थिरता के अभाव में अर्थव्यवस्था को बचाए रखने के लिए पर्याप्त नहीं होगा।