इस्राइल–हमास युद्ध की ताजगी: पाकिस्तान ने इजरायल और हमास के बीच चल रहे युद्ध में हमास के समर्थन का साथ दिया है और इसके लिए क़तर में हमास के आतंकी नेताओं से मुलाकात की है। इस घड़ी में, पाकिस्तान की जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (जेयूआई-एफ) पार्टी के प्रमुख ने यह साहस किया है।

प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने रविवार को क़तर में हमास के शीर्ष नेताओं से मुलाकात की, जहां उन्होंने यह बयान दिया कि मुस्लिम दुनिया को इजरायल के खिलाफ एकजुट होने का अपना कर्तव्य मानना चाहिए।
इजरायल और हमास के बीच युद्ध की शुरुआत के बाद से ही, पाकिस्तान ने हमास का समर्थन किया है और इसके साथ मुस्लिम दुनिया को एकजुट होने के लिए आह्वान भी किया है।

मौलाना ने कहा कि इजरायल फिलिस्तीन में उत्पीड़न और अन्याय का प्रयास कर रहा है, और विशेषकर अल-अक्सा मस्जिद की स्थिति को बदलने का प्रयास कर रहा है। उनके अनुसार, विकसित देशों के पैरों के पैरों में निर्दोष महिलाओं और बच्चों के खून से रंगे हुए हैं।

जेयूआई-एफ के प्रवक्ता असलम गौरी ने बताया कि मौलाना फजलुर रहमान ने क़तर में हमास के नेताओं के साथ विचार-विमर्श किया और फिलिस्तीन के मुद्दों पर गहरे विचार किए गए। इस मीटिंग में फिलिस्तीनी मुद्दों के बारे में विस्तृत चर्चा हुई और समझौते की कोशिशें की गईं।

मौलाना ने कहा कि इजरायली अत्याचारों के खिलाफ उनका समर्थन बना रहेगा और इस्लामिक उम्माह को मिलकर खड़ा होना होगा। हमास के नेतृत्व के साथ भेजे गए आदरणीय हनियेह ने भी कहा कि इजरायल के खिलाफ एकजुट होना मुस्लिम उम्माह का कर्तव्य है और उन्होंने पाकिस्तान की और से समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया।
यह मौलाना की मुलाकात ने इस्राइल-हमास युद्ध के समय पाकिस्तान के समर्थन की मात्रा को और बढ़ा दिया है और मुस्लिम दुनिया में एकजुटता की बढ़ती मांग को दिखाता है।