पाकिस्तान के विदेश कार्यालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलूच ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा की गई टिप्पणी को लेकर आलोचना की है, कहते हुए कि यह टिप्पणियां ‘अखंड भारत’ (अविभाजित भारत) के निरर्थक दावों के प्रेरणास्पद हैं और इतिहास के विकृत दृष्टिकोण को प्रकट करती हैं।
योगी आदित्यनाथ ने रविवार को दक्षिणी सिंध प्रांत ‘सिंधु’ को वापस लेने का सुझाव दिया था और कहा, “अगर पांच सौ वर्षों के बाद राम जन्मभूमि वापस ली जा सकती है, तो कोई बजह नहीं है, कि हम सिंधु (सिंध प्रांत, जो अब पड़ोसी देश पाकिस्तान में है) वापस न ले पाएं।”
पाकिस्तान के विदेश कार्यालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलूच ने इस मुद्दे पर जवाब देते हुए कहा कि नेता की टिप्पणियां गंभीर चिंता का विषय हैं और इसे ‘बेहद गैर-जिम्मेदाराना’ मानना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) इस तरह के विचारों को बढ़ावा देने के साथ अपने विभाजनकारी और संकीर्ण राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ा रहे हैं।
यह मामूली टिप्पणी नहीं है, बल्कि इससे भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष की जटिलता को और बढ़ा सकती है। पाकिस्तान और भारत के बीच सुखद संबंधों की आवश्यकता है ताकि दोनों देश साथ में आपसी समस्याओं का समाधान कर सकें और दुनिया के साथ एक न्यायात्मक और सामरिक समरसता की दिशा में काम कर सकें।