पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता, मुमताज जेहरा बलूच ने कुलभूषण जाधव के मामले पर एक बड़ा बयान दिया है। उनका बयान साप्ताहिक संवाददाता सम्मेलन में आया जहां उन्होंने कुलभूषण जाधव की सजा को लेकर कई महत्वपूर्ण प्रश्नों का उत्तर दिया। जब पूछा गया कि उच्चतम न्यायालय के हाल के फैसले का कुलभूषण जाधव के मामले पर क्या प्रभाव होगा, तो उन्होंने कहा, “मुझे हमारी कानून टीम से इस बारे में बात करनी होगी, लेकिन मेरी समझ से यह अलग मामला है, क्योंकि यह एक ऐसे व्यक्ति से संबंधित है, जो भारतीय नौसेना का सेवारत अधिकारी था।” बलूच ने यह भी कहा कि उच्चतम न्यायालय के फैसले का कुलभूषण जाधव के मामले पर कोई प्रभाव नहीं होगा और उन्होंने इस मामले को एक अलग मामला माना।
पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने अप्रैल 2017 में कुलभूषण जाधव को जासूसी और आतंकवाद के आरोप में मौत की सजा सुनाई थी, जिसका विरोध भारत ने किया और उसने अंतराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) में मामले को लेकर चुनौती दी थी। आईसीजे ने जुलाई 2019 में पाकिस्तान से बातचीत का आदान-प्रदान करने के लिए कहा था, जिसका पाकिस्तान ने इंकार किया और विवाद जारी है।
कुलभूषण जाधव को मौत की सजा देना पाकिस्तान के कानूनों के खिलाफ है। इसके अलावा, पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने गुरुवार को एक फैसले में कहा कि सैन्य अधिकारियों को आम लोगों पर मुकदमा चलाने से रोकने संबंधी उच्चतम न्यायालय का फैसला भारतीय कैदी कुलभूषण जाधव के मामले में लागू नहीं हो सकता, जिन्हें मौत की सजा सुनाई गई है। पाकिस्तान ने इस मामले में भारत के साथ कई बार तकनीकी संपर्क करने का प्रस्ताव दिया है, लेकिन इसका भारत ने अस्वीकार कर दिया है और उन्होंने यह कहा है कि इस मामले में विश्वास के लिए एक अनाधिकृत अदालत का स्थापना किया जाए।
कुलभूषण जाधव को मामले में अंतराष्ट्रीय दबाव बना हुआ है और भारत ने उसकी सुरक्षा और उसकी न्यायिक पहुंच की मांग की है। इस मुद्दे पर आने वाले फैसले का समर्थन या विरोध हो सकता है, लेकिन एक बात स्पष्ट है कि कुलभूषण जाधव के मामले में अब भी उलझाव है और उसका समाधान बहुत कठिन है।