पाकिस्तान की वित्तीय स्थिति के बारे में दी गई जानकारी में बताया गया है कि देश की आर्थिक स्थिति गंभीर है और वे अब आईएमएफ से वित्तीय सहायता के लिए चीन और सऊदी अरब से फिर से मदद की गुहार लगा रहे हैं। उन्होंने 11 अरब डॉलर की मदद की गुजारिश की है।
पाकिस्तान की आर्थिक समस्याओं ने देश को गहरे कंगाली की ओर ले गया है, और अब वे वित्तीय सहायता के बिना अपनी अर्थव्यवस्था को सुधारने में कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप, पाकिस्तान ने फिर से अपने दोस्त चीन और सऊदी अरब से आर्थिक सहायता की गुहार लगाई है।
पाकिस्तान ने आईएमएफ के बेलआउट कार्यक्रम के तहत 11 अरब डॉलर की मदद की मांग की है, जिसका उद्घाटन किया जा सकता है ताकि वे अपनी आर्थिक स्थिति को सुधार सकें। इसके बावजूद, वित्तीय समस्याओं के कारण पाकिस्तान के लोगों को भूखमरी से बचाना मुश्किल हो गया है।
पाकिस्तान ने इस वित्तीय संकट के समय घरेलू और विदेशी मुद्रा भंडार के अंतर को पाटने के लिए कई कदम उठाए हैं, और यह भीख मांगने की गुजारिश की है ताकि उन्हें आईएमएफ के बेलआउट कार्यक्रम का समर्थन मिल सके।
यह न्यूज़ आईएमएफ के बेलआउट कार्यक्रम को प्राथमिकता देने के लिए पाकिस्तान की सरकार के द्वारा की गई विभिन्न कदमों के बारे में बताता है, जैसे कि कृषि और रियल स्टेट क्षेत्रों में कर दरों को बढ़ाने का प्रयास और अवैध मुद्रा की आवाजाही के खिलाफ कार्रवाई करने का दबाव। यह भी दिखाता है कि पाकिस्तान की सरकार एक आर्थिक पुनरुद्धार योजना पर काम कर रही है और यह योजना जल्द ही कार्यवाहक प्रधानमंत्री के सामने पेश की जाएगी।
यह वित्तीय समस्याओं के समाधान के लिए उधार की गुजारिश और सरकार की कदमबद्धता के बारे में जानकारी प्रदान करता है, और इसके साथ ही पाकिस्तान की सरकार ने आईएमएफ के साथ वार्ता करने की योजना बनाई है, जो अक्टूबर के अंत में शुरू हो सकती है।