पाकिस्तान में हाल ही में पीएमएल-एन (पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज) और पीपीपी (पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी) के बीच गठबंधन सरकार बनाने की कोशिश अवश्य रही, लेकिन इस कोशिश में सफलता हासिल नहीं हुई। इस गठबंधन के बनाए गए ‘फॉर्मूले’ के माध्यम से समझौता नहीं हो पाया और इसके कारण गठबंधन सरकार बनाने की कोशिश अधूरी रही।
पीएमएल-एन ने प्रधानमंत्री पद के लिए पूर्व प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को नामित किया, जबकि पीपीपी ने बिलावल भुट्टो को प्रधानमंत्री के रूप में चुना। इसके बावजूद, दोनों पक्षों के बीच गठबंधन समझौते की बात नहीं बनी और समझौते की प्रक्रिया अधूरी रही।

बातचीत में दोनों पक्षों के बीच कुछ मुद्दों पर असहमति दर्ज की गई, जिससे गठबंधन समझौते की प्रक्रिया अवरुद्ध रही। पीएमएल-एन की ओर से जारी बयान में यह बताया गया कि दोनों पक्षों के बीच बातचीत में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है, लेकिन अभी भी कुछ मुद्दों को लेकर असमंजस है।
पीएमएल-एन द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि “मजबूत लोकतांत्रिक सरकार” की आवश्यकता पर बल देते हुए दोनों पक्षों के साथ बातचीत में “महत्वपूर्ण प्रगति” हुई है। एक संयुक्त बयान में कहा गया है, “दोनों पक्षों द्वारा रखे गए प्रस्तावों पर गहन चर्चा की गई, हालांकि पर्याप्त प्रगति हासिल हुई है, लेकिन मौजूदा मामलों को अंतिम रूप देने के लिए और विचार-विमर्श की आवश्यकता है।

नवाज शरीफ के नेतृत्व वाली पीएमएल-एन ने शहबाज शरीफ को प्रधानमंत्री पद के लिए नामित किया है। पीएमएल-एन ने 75 सीट जीतीं जबकि पीपीपी 54 सीट के साथ तीसरे स्थान पर रही। सरकार बनाने के लिए 266 में से 133 सीट की जरूरत है।
इसके अलावा, पाकिस्तान में परिस्थितियाँ भी राजनीतिक दलों के बीच गठबंधन सरकार बनाने को मुश्किल बना रही हैं। परिस्थितियों की तनावपूर्ण स्थिति ने दोनों पक्षों को एक साथ आने की चुनौती दी है।
इस बीच, गठबंधन सरकार बनाने की कोशिशों में बाधाएं आई हैं, लेकिन दोनों पक्षों का संवाद जारी है। दोनों दलों के बीच अधिक चर्चा और समन्वय की आवश्यकता है ताकि पाकिस्तान को स्थिरता और प्रगति की दिशा में ले जाया जा सके।