पाकिस्तान में निर्दलीय उम्मीदवारों के बनने के मामले में ताज़ा खबरें आ रही हैं। 8 फरवरी को पाकिस्तान में आम चुनाव होने वाले हैं और इस चुनाव में देश की 167 राजनीतिक पार्टियों के 6 हजार से अधिक उम्मीदवार उम्मीदवारी के लिए उतरे हैं। इस बार के चुनाव में लगभग 17 हजार निर्दलीय उम्मीदवार भी चुनाव मैदान में उतरे हैं।
इमरान खान की पार्टी, जिसे पाकिस्तान तहरीक़-ए-इंसाफ (PTI) कहा जाता है, के उम्मीदवारों की पहचान बदल गई है। इस बार के चुनाव में, PTI के सभी उम्मीदवार निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं क्योंकि उनका चुनाव चिन्ह रद्द कर दिया गया है। इस वजह से, तीन मुख्य पार्टियों के बीच का मुकाबला अब काफी हद तक सिर्फ दो दलों के बीच सिमटकर रह गया है, जो हैं: नवाज शरीफ की पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) (PML-N) और बिलावल भुट्टो की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP)।
नवाज शरीफ और उनकी पार्टी PML-N जीत के लिए काफी निश्चित महसूस कर रहे हैं, लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि PTI के निर्दलीय उम्मीदवार King Maker की भूमिका में हैं। जीत दर्ज करने वाले निर्दलीय सांसदों का समर्थन जिस पार्टी को होगा, पाकिस्तान में उसी की सरकार बनेगी।
इस बार के चुनाव में, इमरान खान की पार्टी के उम्मीदवारों की मजबूत पकड़ है, और यह पार्टी कुल 40 से 50 सीटों पर अच्छे परिणाम की उम्मीद कर रही है। बिलावल भुट्टो की PPP भी चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
चुनावी खर्च के मामले में, पाकिस्तान में इस बार कुल 50 अरब से अधिक रुपये खर्च होने की उम्मीद है। इस भारी खर्च के बावजूद, देश की आर्थिक स्थिति कमजोर है और देश के नागरिकों को गरीबी का सामना करना पड़ रहा है।
पाकिस्तान में चुनावी माहौल को ध्यान में रखते हुए, बिलावल भुट्टो और अन्य राजनीतिक नेताओं ने देश के बजट को लेकर भी चिंता जताई है। इससे साफ है कि चुनाव के पहले ही राजनीतिक पार्टियां आर्थिक मुद्दों को लेकर जागरूक हैं और चुनाव प्रक्रिया में इसे महत्व देने की मांग कर रही हैं।