पाकिस्तान में अवैध रूप से रह रहे विदेशियों के खिलाफ कार्रवाई के बाद, चार लाख से ज्यादा अफगान नागरिक अपने देश लौट चुके हैं, जिससे उन्हें घर और रोजगार की कमी हो रही है। इस नए घटनाक्रम ने एक नई समस्या की ओर ध्यान खींचा है, जहां लोग अपने देश लौट रहे हैं और उन्हें अपने वाणिज्यिक और सामाजिक जीवन को बचाने के लिए नए सामरिक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।

अफगानिस्तान में तालिबान की नई सरकार के बाद, अफगान नागरिकों की घर वापसी की प्रक्रिया तेजी से बढ़ रही है। इसमें बहुसंख्यक अफगान नागरिक शरणार्थी भी शामिल हैं, जो पाकिस्तान में अवैध रूप से रह रहे थे।

पाकिस्तानी अधिकारियों की घोषणा के बाद, जिनमें उन्होंने राष्ट्रव्यापी कार्रवाई की बात की थी, अफगान नागरिकों की तादाद तेजी से घटित हो रही है। इसके परिणामस्वरूप, चार लाख से अधिक अफगान नागरिक अपने देश लौट चुके हैं, जो अब अपने वतन में नए संभावनाओं की तलाश में हैं।

शरणार्थी और उनके परिवारों के लिए इस पलटने की प्रक्रिया में विभिन्न चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि वे अब नए आवास, रोजगार, और सामाजिक संरचना की तलाश में हैं।
इस घटना ने दिखाया है कि अफगानिस्तान में हुई राजनीतिक बदलावों के परिणामस्वरूप नागरिकों के जीवन में एक और महत्वपूर्ण बदलाव हो रहा है, जिससे उन्हें नए आर्थिक और सामाजिक सीमाओं का सामना करना पड़ रहा है।

यह स्थिति न केवल अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच संबंधों को प्रभावित कर रही है, बल्कि यह एक और उदाहरण है कि राजनीतिक और सामाजिक परिस्थितियों में होने वाले बदलाव कैसे राष्ट्रों के बीच सीमाओं को पुनर्निर्माण कर सकते हैं।