दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में सीएए (सिटिज़नशिप संशोधन कानून) पर एक चौंकाने वाला बयान दिया है। उन्होंने कहा कि यदि भारत में अगर 3 करोड़ में से डेढ़ करोड़ लोग आ गए, तो उनको रोजगार कौन देगा और उनको कहां बसाया जाएगा। उन्होंने इस बात को लेकर केंद्र सरकार को निशाना बनाया कि वह पाकिस्तानी और अन्य देशों से आने वाले अल्पसंख्यकों को भारत में बसाने की राजनीति अपना रही है।
केजरीवाल ने आरोप लगाया कि सीएए का मकसद वोट बैंक बनाना है। उन्होंने कहा कि भारत में आने वाले लोगों को चुन-चुन कर देश के अलग-अलग भागों में बसाया जा रहा है, ताकि जहां बीजेपी के वोट कम है, वहां इनको बसाया जा सके। उन्होंने कहा कि इससे बीजेपी को वोट तैयार हो जाएंगे।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार हमारे युवा को रोजगार नहीं दे पा रही है, लेकिन पाकिस्तान से आने वाले लोगों को भारत में रोजगार देने की राजनीति चला रही है।
उन्होंने यह भी कहा कि इन लोगों को भारत में बसाने पर खर्च होगा पैसा, जो कि सरकार के विकास के लिए होना चाहिए वह पैसा इन लोगों को बसाने पर खर्च किया जाएगा।
अरविंद केजरीवाल ने सीएए के खिलाफ अपनी चिंता व्यक्त की है और इसे वोट बैंक की राजनीति के रूप में चर्चा की है। उन्होंने यह भी कहा कि वोट बैंक की राजनीति न केवल न्यायपूर्ण नहीं है बल्कि यह देश की आर्थिक और सामाजिक स्थिति को भी प्रभावित कर सकती है।
अरविंद केजरीवाल ने यह भी कहा कि सीएए के चलते अनेकों लोग भारत में बसाए जाएंगे, जिससे कि उन्हें रोजगार और घर मिल सके, लेकिन इससे बेहतर यह होता कि सरकार नौकरियों के नए स्रोतों का पता लगाए और युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करे।
इसके साथ ही, उन्होंने कहा कि बीजेपी को अगर युवाओं की चिंता है तो वह नौकरियां प्रदान करे, उन्हें रोजगार दे। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने अभी तक नौकरियों के संबंध में कोई घोषणा नहीं की है, जो कि चिंताजनक है।
केजरीवाल ने यह भी कहा कि अन्य देशों से भारत आने वाले लोगों को बसाने से पहले सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वहां के लोगों को रोजगार और आवास की सुविधा प्रदान की जाए। उन्होंने कहा कि यदि वे यह करने में सक्षम नहीं हैं, तो उन्हें बसाने की प्रक्रिया नहीं चालू की जानी चाहिए।
अरविंद केजरीवाल का यह बयान सीएए पर सामाजिक और राजनीतिक चर्चा को और गहराई देता है। उनकी चिंताएं और सुझाव देश के नागरिकों के लिए महत्वपूर्ण हैं, और सरकार को इन्हें गंभीरता से ध्यान में लेना चाहिए।