रांची: झारखंड के चक्रधरपुर में आज सुबह एक दर्दनाक ट्रेन हादसा हुआ, जिसमें 12810 हावड़ा-सीएसएमटी मेल के 18 डिब्बे पटरी से उतर गए। इस हादसे में दो यात्रियों की मौत हो गई है और 150 से अधिक लोग घायल हो गए हैं। हादसे के बाद का वीडियो सामने आया है, जिसमें एक के ऊपर एक चढ़ी हुई ट्रेन की बोगियों के भयावह दृश्य को देखा जा सकता है। इस हादसे के बाद हर तरफ चीख-पुकार मची हुई है और यात्री मदद की गुहार लगा रहे हैं।
हादसे की वजह और प्रारंभिक जानकारी
जानकारी के अनुसार, हादसे की वजह यह बताई जा रही है कि दो दिन पहले इसी स्थान पर एक मालगाड़ी डिरेल हुई थी और उसके वैगन अभी भी ट्रैक पर ही पड़े हुए थे। जब हावड़ा-सीएसएमटी मेल इस ट्रैक से गुजर रही थी, तो वह इन वैगनों से टकरा गई, जिससे ट्रेन के कई डिब्बे पटरी से उतर गए और बुरी तरह से पलट गए। ट्रेन उस समय लगभग 44 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही थी। इस हादसे में ट्रेन की देरी भी एक कारण हो सकती है, क्योंकि यह ट्रेन साढ़े तीन घंटे देरी से चल रही थी।
राहत और बचाव कार्य

हादसे की जानकारी मिलते ही एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल) सहित अन्य बचाव दल मौके पर पहुंच गए और राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर दिया। घायल यात्रियों को तत्काल रांची के रिम्स हॉस्पिटल और चक्रधरपुर के आसपास के सरकारी और प्राइवेट हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया है।
हादसे का भयावह दृश्य
हादसे के बाद के वीडियो में बोगियों के पटरी से उतरने के बाद का दृश्य देखा जा सकता है। कई बोगियां एक के ऊपर एक चढ़ी हुई हैं और चारों तरफ मलबा बिखरा हुआ है। यात्री दर्द और डर के मारे चीख रहे हैं और मदद की गुहार लगा रहे हैं। कई लोग अपने परिजनों को खोज रहे हैं और घायल यात्रियों को निकालने का प्रयास कर रहे हैं।
यात्री मदद की गुहार

मौके पर तमाम यात्री मदद की गुहार लगा रहे थे और कई लोग खुद ही अपने परिजनों को बचाने का प्रयास कर रहे थे। कुछ यात्रियों ने कहा कि हादसे के समय ट्रेन की रफ्तार काफी कम थी, लेकिन अचानक हुए झटके के कारण लोग इधर-उधर गिरने लगे और बोगियां पलट गईं।
रेल प्रशासन की प्रतिक्रिया
रेल प्रशासन ने हादसे के बाद तुरंत एक जांच कमेटी गठित कर दी है जो हादसे की वजहों की जांच करेगी। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि पहले से ट्रैक पर पड़े डिब्बों से टकराने के कारण यह हादसा हुआ। रेल मंत्री ने हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया और पीड़ितों के परिवारों को हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया।
भविष्य की सावधानियां
इस हादसे ने एक बार फिर रेल यात्रियों की सुरक्षा पर सवाल खड़ा कर दिया है। रेल प्रशासन को यह सुनिश्चित करना होगा कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। ट्रैक की नियमित जांच और रखरखाव, डिरेल हुए वैगनों को तुरंत हटाना और समय पर जानकारी देना, ऐसी सावधानियां हैं जिन्हें अपनाने की जरूरत है।
झारखंड के चक्रधरपुर में हुए इस हादसे ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि रेल यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देना अत्यंत आवश्यक है। इस हादसे में कई लोग घायल हुए हैं और दो लोगों की मौत हो गई है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि रेल प्रशासन को और भी अधिक सावधानी बरतने की जरूरत है। हादसे के बाद राहत और बचाव कार्य तेजी से शुरू किए गए, लेकिन इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए हमें और भी कड़े कदम उठाने की जरूरत है।