बाबा रामदेव की अगुवाई वाली कंपनी पतंजलि आयुर्वेद ने एक बड़ा बयान जारी किया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि उनकी कंपनी किसी भी तरह के झूठे विज्ञापन या प्रचार का समर्थन नहीं कर रही है। उन्होंने इसके साथ ही यह भी दावा किया है कि अगर उनके उत्पादों से जुड़े किसी भी दावे में कोई भ्रांति पाई जाती है, तो उच्चतम न्यायालय उन पर करोड़ों रुपये का जुर्माना या मौत की सजा भी लगा सकता है, लेकिन उन्हें किसी भी प्रकार की आपत्ति नहीं होगी।
इस बयान का समय उस दिन को पहले आया था, जब शीर्ष अदालत ने पतंजलि आयुर्वेद को कई बीमारियों के उपचार में अपनी दवाओं को लेकर झूठे और भ्रामक विज्ञापन दिखाने का आरोप लगाया था। पतंजलि ने उस परतंत्र को खारिज करते हुए यह कहा कि उनके पास दुनिया भर के वास्तविक साक्ष्यों का ‘रिकॉर्ड’ है और वे अपने दावों पर पूरी तरह खड़े हैं।
रामदेव ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि शीर्ष अदालत को उनका पक्ष भी सुनना चाहिए था और वे तैयार थे अपने दावों के समर्थन में पूरे तथ्यों, क्लिनिकल साक्ष्य और वैज्ञानिक शोध पेपर के साथ पेश होने के लिए। उन्होंने इस मुकाबले में अदालत के सामने सबसे ऊपरी स्तर की सजगता की मांग की और अपनी कंपनी की बेनामी को रोकने के लिए कड़ी कड़ी कार्रवाई की जाने की अपील की।
इसके बावजूद, उन्होंने यह भी जताया कि वह आयुर्वेद और योग के माध्यम से गंभीर रोगों को पूरी तरह से ठीक करने के अपने दावों पर आज भी पूरी तरह यकीन रखते हैं। उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य लोगों को स्वस्थ जीवनशैली की दिशा में मार्गदर्शन करना है और उन्हें प्राकृतिक औषधियों और योग से लाभ पहुंचाना है।
इस बयान से पहले ही शीर्ष अदालत ने पतंजलि को यह सुनिश्चित करने के लिए आदेश दिया था कि उनकी कंपनी झूठे और भ्रामक विज्ञापनों को तत्काल बंद करें, और उसकी याचिका पर सुनवाई किया जाए। इसके बाद, बाबा रामदेव के नेतृत्व में पतंजलि ने इस मुकाबले में अपना स्थान साबित करने के लिए तैयारी जताई है।