गन्ने के दामों में वृद्धि की मांग के बावजूद, पंजाब के किसानों का धरना तेजी से बढ़ रहा है। जालंधर में नेशनल हाईवे की बंदिश के बाद, आज उन्होंने रेलवे यातायात को भी बंद कर दिया है। इसके परिणामस्वरूप, अमृतसर शताब्दी और अन्य कई ट्रेनें डायवर्ट हो गई हैं और रेल सेवा में विघ्न उत्पन्न हुआ है।
किसानों ने आज धन्नोवाली में रेलवे यातायात को बंद करने का ऐलान किया है और इसके तहत वे अमृतसर शताब्दी और आम्रपाली एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों को नहीं जाने देंगे। इसके चलते, रेलवे ने अब तक 14 ट्रेनें डायवर्ट की हैं और चार ट्रेनें शॉर्ट टर्मिनेट की गई हैं।
बता दें कि गन्ने के रेट बढ़ाने (Demand of increase MSP on sugarcane) की चलते 21 नवंबर से किसानों का धरना प्रदर्शन जारी है। बीते दिन इस मामले में चंडीगढ़ में किसानों की बैठक की जानी थी, पर वह बैठक का भी आयोजन नहीं किया गया।
गन्ने के दामों में वृद्धि की मांग के बावजूद, पंजाब सरकार और किसानों के बीच समझौते का समर्थन नहीं होने से किसान संगठनों ने धरना जारी रखा है। उनकी मुख्य मांग है कि गन्ने पर MSP को बढ़ावा मिले और पराली जलाने पर लगाए गए केस रद्द किए जाएं। इसके बावजूद, सरकार से कोई समाधान निकलने से इन किसानों का धरना तीसरे दिन भी जारी है।
संयुक्त किसान मोर्चा के अध्यक्ष बलविंदर सिंह मल्ली ने कहा है कि धरने में कोई बदलाव नहीं होगा और किसानों का आंदोलन जारी रहेगा जब तक सरकार उनकी मांगें मान नहीं लेती। उन्होंने सुनिश्चित किया है कि धरना प्रदर्शन पूरी ताकत के साथ चलेगा और किसी भी समय वह इसे बदलने का कोई आवश्यकता महसूस नहीं करेंगे।
किसानों ने इसके साथ ही 26 नवंबर को चंडीगढ़ में कूच करने का ऐलान किया है, जिसमें वे अपनी मांगों को लेकर अपने आंदोलन को और बढ़ाएंगे। धरना और रेल बंद करने के साथ ही किसानों का यह प्रदर्शन उग्रवादी रूप से बढ़ रहा है और उनकी मांगों को लेकर सरकार से समझौता करने की प्रतीति कमजोर है।दरअसल, राज्य सरकार से किसानों की मांग है कि पराली जलाने के दर्ज किए गए केस रद्द किए जाएं और गन्ने पर MSP को 450 किया जाए।