इजरायल और हमास के बीच चल रहे युद्ध के बीच अब एक और आतंकी संगठन का नाम चर्चा में आ गया है, जिसका नाम है ‘फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद’ (PIJ)। इस संगठन पर गाजा के अस्पताल पर हुए हमले में शामिल होने का आरोप है, जिसमें कम से कम 500 लोगों की जान चली गई। इस लेख में हम जानेंगे कि PIJ क्या है, इसकी स्थापना कैसे हुई, और यह हमास से कैसे अलग है।
PIJ की स्थापना:
फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद की स्थापना एक छात्र संगठन के तौर पर हुई थी। इसकी स्थापना फतही शाकाकी और अब्द अल-अजीज अवदा ने की थी, जो मिस्र में पढ़ाई करते थे और मिस्र के संगठन मुस्लिम ब्रदरहुड के सदस्य थे। इन दोनों ने महसूस किया कि ब्रदरहुड फिलिस्तीन के मुद्दों में गंभीर नहीं है और इस तरह से साल 1981 में PIJ का निर्माण हुआ।
PIJ का मिशन:
PIJ का मुख्य उद्देश्य इजरायल का विरोध करना और उन्हें उखाड़ फेंकना है। इसका मानना है कि इजरायल से किसी भी तरह की शांति वार्ता करना गलत है और यह उग्र हमलावर नीति में भरोसा करते हैं। इसके अलावा, PIJ हमास की तरह किसी भी तरह की राजनीतिक और सामाजिक भूमिका में नहीं आता है और इसलिए इसका कोई केंद्रीय नेतृत्व नहीं है।
PIJ और हमास: आपसी टकराव और सहमति:
PIJ और हमास के बीच मिशन एक ही है, लेकिन कई बार आपसी टकराव भी हुआ है। दोनों संगठनों ने एक साथ मिलकर कई मिशनों को अंजाम दिया है, लेकिन कई बार टकराव भी देखने को मिला है। हमास ने कई बार PIJ को हमले करने से भी रोका है।
PIJ की मदद:
फिलिस्तीन के इस आतंकी संगठन PIJ को आर्थिक और सामरिक रूप से ईरान की तरफ से मदद मिल रही है। ईरान ने 1988 में PIJ को 16 करोड़ रुपये दिए थे, जो बढ़कर 2013 तक 24 करोड़ रुपये तक पहुंच गए। कतर भी इस संगठन की आर्थिक मदद करता है।
PIJ का स्थिति:
PIJ का मुख्यालय दमिश्क, सीरिया में है और इसके पास 8,000 से ज्यादा सक्रिय सदस्य हैं। इस संगठन का मकसद इजरायल के खिलाफ हमले करना है, और इसने अपने पहले हमले को 1987 में अंजाम दिया था।
इस पूरी कहानी से साफ है कि PIJ एक और खतरनाक संगठन है जो इजरायल के खिलाफ उग्र नीति अपनाता है, और इसका मकसद हमास के साथ बनाए रखना है, हालांकि इसमें कई बार आपसी टकराव भी होता है।