भारतीय राजनीति और कृषि परंपराओं का एक अनूठा संगम इस बार भागलपुर के जर्दालू आम के माध्यम से देखने को मिल रहा है। यह घटना अपने आप में विशेष इसलिए है क्योंकि लोकसभा चुनावों में विजय प्राप्त करने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भागलपुर के प्रसिद्ध जर्दालू आम भेजे हैं।
जर्दालू आम का महत्व

भागलपुर का जर्दालू आम अपनी विशेषता और स्वाद के लिए जाना जाता है। यह आम अपने रसीलेपन और सुपाच्यता के कारण आम की अन्य किस्मों से अलग पहचान बनाता है। इसका जीआई (Geographical Indication) टैग भी इसे विशेष बनाता है, जो इसकी गुणवत्ता और विशिष्टता को सुनिश्चित करता है। यह आम न केवल देश में बल्कि विदेशों में भी बहुत लोकप्रिय है।
परंपरा और संस्कृति

जर्दालू आम भेजने की परंपरा 2007 से चली आ रही है। हर साल प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति इसका स्वाद चखते हैं। यह परंपरा भागलपुर के किसानों और बिहार की संस्कृति को उजागर करती है। इस बार की विशेषता यह है कि यह पहला मौका है जब किसी प्रधानमंत्री की जीत के बाद संदेश के रूप में जर्दालू आम भेजा गया है। इससे यह साबित होता है कि भारतीय राजनीति और संस्कृति में आपसी सद्भाव और समर्पण का कितना महत्व है।
नीतीश कुमार का उपहार

लोकसभा चुनावों में जीत की खुशी में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को जर्दालू आम भेजा है। यह उपहार न केवल नीतीश कुमार की खुशी को दर्शाता है बल्कि बिहार की प्रसिद्धि और संस्कृति को भी प्रदर्शित करता है। नीतीश कुमार का यह कदम उनके और प्रधानमंत्री के बीच अच्छे संबंध बनाए रखने की भावना को भी प्रकट करता है।
मैंगोमेन अशोक चौधरी
भागलपुर जिला के सुलतानगंज के किसान अशोक चौधरी, जिन्हें ‘मैंगोमेन’ के नाम से जाना जाता है, के बगान से ये जर्दालू आम तोड़े गए हैं। कृषि विभाग के अधिकारियों ने आम की पूरी तरह से जांच कर उसे तोड़कर पैक करवाया। विक्रमशिला एक्सप्रेस से 2000 किलो आम के पैकेट दिल्ली भेजे गए हैं। आनंद विहार टर्मिनल से इन आमों को बिहार भवन ले जाया जाएगा और वहां से राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल, केन्द्रीय मंत्रियों और अन्य विशिष्ट अतिथियों को भेजा जाएगा।
सांस्कृतिक संदेश
जर्दालू आम भेजना केवल एक पारंपरिक तरीका नहीं है बल्कि यह बिहार की समृद्ध संस्कृति और कृषि उत्पादों को भी सम्मानित करने का एक तरीका है। यह उपहार उन तमाम किसानों की मेहनत का प्रतीक है जो अपनी फसलों को उगाने में रात-दिन मेहनत करते हैं। यह घटना यह भी दर्शाती है कि भारतीय कृषि किस प्रकार भारतीय राजनीति और समाज के ताने-बाने में गहराई से जुड़ी हुई है।
राजनीतिक संदेश
नीतीश कुमार का यह कदम यह भी दिखाता है कि वे अपनी राजनीतिक विजय को साझा करने और अच्छे संबंध बनाए रखने के लिए कितने प्रतिबद्ध हैं। यह भारतीय राजनीति में सौहार्द और सहयोग का एक प्रतीक है।
भविष्य के संकेत
भागलपुर के जर्दालू आम की इस परंपरा को आगे भी जारी रखा जाएगा। यह भारतीय राजनीति और कृषि के बीच के संबंधों को और मजबूत करेगा। इससे यह भी साबित होता है कि किस प्रकार भारतीय नेता अपनी सांस्कृतिक और पारंपरिक मूल्यों को संजोकर रखते हैं।
भागलपुर के जर्दालू आम का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भेजा जाना भारतीय राजनीति और संस्कृति का एक सुंदर उदाहरण है। यह उपहार न केवल बिहार की कृषि और संस्कृति को सम्मानित करता है बल्कि यह भी दर्शाता है कि किस प्रकार भारतीय राजनीति में आपसी सद्भाव और संबंधों का महत्व है। नीतीश कुमार का यह कदम उनकी राजनीतिक सूझ-बूझ और परंपराओं के प्रति उनकी आस्था को भी प्रकट करता है। यह घटना भारतीय राजनीति और संस्कृति के मध्य एक अनूठा संगम है जो आने वाले समय में भी याद रखा जाएगा।