प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज केरल के वायनाड जिले के उन इलाकों का दौरा करेंगे, जो हाल ही में भूस्खलन से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। इस दौरे के दौरान, प्रधानमंत्री न केवल हवाई सर्वेक्षण करेंगे बल्कि प्रभावित परिवारों और घायलों से भी मिलेंगे। यह दौरा न केवल पीड़ितों के प्रति सहानुभूति का प्रतीक है, बल्कि केंद्र सरकार की ओर से राहत कार्यों में तेजी लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है।
वायनाड में भूस्खलन का कहर
केरल के वायनाड जिले में हाल ही में हुए भूस्खलन ने इलाके में तबाही मचा दी है। 30 जुलाई को हुई इस घटना में अब तक 226 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 100 से अधिक लोग अभी भी लापता हैं। इस भूस्खलन ने न केवल स्थानीय आबादी को प्रभावित किया है, बल्कि पूरे इलाके की संरचना और बुनियादी ढांचे को भी भारी नुकसान पहुंचाया है।
प्रधानमंत्री मोदी का दौरा
प्रधानमंत्री मोदी के इस दौरे का मुख्य उद्देश्य भूस्खलन से प्रभावित इलाकों की स्थिति का जायजा लेना और राहत कार्यों को और प्रभावी बनाने के लिए दिशा-निर्देश देना है। प्रधानमंत्री मोदी सुबह 11 बजे कन्नूर पहुंचेंगे और फिर वायनाड में लैंडस्लाइड प्रभावित क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण करेंगे। इसके बाद दोपहर करीब 12 बजकर 15 मिनट पर वे प्रभावित क्षेत्र का दौरा करेंगे, जहां उन्हें बचाव दलों के चलाए जा रहे अभियानों की जानकारी दी जाएगी।
प्रधानमंत्री मोदी राहत शिविरों और अस्पतालों में जाकर वहां मौजूद पीड़ितों से भी मुलाकात करेंगे। इस मुलाकात का मकसद न केवल उनकी स्थिति को समझना है, बल्कि उनके साथ सहानुभूति जताना और उनके दुखों को बांटना भी है।
केरल सरकार की केंद्रीय टीम से मुलाकात
प्रधानमंत्री के दौरे से पहले केरल सरकार की मंत्रिमंडलीय उप-समिति ने इलाके का दौरा करने वाली केंद्रीय टीम से मुलाकात की। इस बैठक में केरल सरकार ने वायनाड भूस्खलन पीड़ितों के पुनर्वास और राहत कार्यों के लिए 2,000 करोड़ रुपये की सहायता की मांग की है। गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव राजीव कुमार के नेतृत्व में इस केंद्रीय टीम ने आपदा प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया और वहां के लोगों से बातचीत की।
केंद्रीय टीम ने इस आपदा को गंभीर बताते हुए कहा कि वायनाड भूस्खलन का प्रभाव बहुत बड़ा है और इसके लिए एक विस्तृत अध्ययन की आवश्यकता है। राज्य सरकार ने केंद्रीय टीम को बताया कि वायनाड के चूरलमाला, मुंडक्कई, और पुंचिरी मट्टम क्षेत्रों में आवासीय और कृषि दोनों क्षेत्रों में बड़ा नुकसान हुआ है। पुनर्वास उद्देश्यों के लिए 2,000 करोड़ रुपये की आवश्यकता बताई गई है।
राहुल गांधी की उम्मीदें
नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, जो वायनाड से सांसद भी हैं, ने प्रधानमंत्री मोदी के इस दौरे का स्वागत किया है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि प्रधानमंत्री मोदी वायनाड लैंडस्लाइड की तबाही को देखने के बाद इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित करेंगे। राहुल गांधी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट ‘एक्स’ पर लिखा, “व्यक्तिगत रूप से भयानक त्रासदी का जायजा लेने के वास्ते वायनाड जाने के लिए धन्यवाद, मोदी जी। ये एक अच्छा फैसला है।”
राहुल गांधी ने यह भी कहा कि उन्हें विश्वास है कि एक बार जब PM प्रत्यक्ष रूप से तबाही के स्तर को देख लेंगे, तो वह इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित कर देंगे। इससे पहले भी राहुल गांधी ने वायनाड में हुए भूस्खलन की गंभीरता को देखते हुए इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की थी।
वायनाड लैंडस्लाइड: एक राष्ट्रीय आपदा?
वायनाड में हुए भूस्खलन ने पूरे देश का ध्यान इस ओर खींचा है। प्रधानमंत्री मोदी का इस क्षेत्र का दौरा एक महत्वपूर्ण संकेत है कि केंद्र सरकार इस मामले को गंभीरता से ले रही है। अगर इस आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाता है, तो इससे न केवल राहत और पुनर्वास कार्यों में तेजी आएगी, बल्कि पीड़ित परिवारों को भी सहायता मिलेगी।
प्रधानमंत्री मोदी के दौरे से वायनाड के लोगों को उम्मीद है कि उनकी समस्याओं का समाधान तेजी से किया जाएगा और उनके पुनर्वास के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वायनाड दौरा न केवल एक औपचारिकता है, बल्कि एक महत्वपूर्ण कदम है, जो पीड़ितों को राहत देने और भविष्य में ऐसी आपदाओं से निपटने की योजना तैयार करने की दिशा में उठाया गया है। प्रधानमंत्री के इस दौरे से उम्मीद की जा रही है कि वायनाड की स्थिति में सुधार होगा और पीड़ित परिवारों को जल्द ही राहत मिलेगी। अब यह देखना बाकी है कि प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा के बाद वायनाड के लोगों के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं और उनकी जिंदगी में कितनी राहत मिलती है।