दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण की चुनौती के बीच, नोएडा ने अपने एंटी-स्मॉग टावर के माध्यम से प्रदूषण को कम करने का कारगर तरीका अपनाया है। इस टावर के माध्यम से नोएडा और आस-पास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) में सुधार हो रहा है।
नोएडा में बनाए गए एंटी-स्मॉग टावर का निर्माण नोएडा प्राधिकरण और भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (BHEL) ने सामाजिक जिम्मेदारी (CSR) के तहत किया गया है। इसकी ऊचाई 20 मीटर है और यह DND फ्लाईओवर के पास स्थित है। यह विशेष रूप से प्रदूषण को कम करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
टावर के संचालन से नोएडा और आस-पास के क्षेत्रों में प्रदूषण के स्तर में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) में वृद्धि हो रही है। इसकी विशेषता यह है कि इसे दिनभर वायरलेस जानकारी और मॉनिटरिंग सिस्टम के साथ लैस हुआ है, जिससे इसकी प्रदूषण नियंत्रण क्षमता में सुधार होती रहती है।
टावर के 2-4 किमी के दायरे के दो प्रदूषण नियंत्रण केंद्रों के आंकड़ों के मुताबिक, इसके आस-पास के क्षेत्रों में AQI के स्तर में सुधार देखा गया है। यह आंकड़े बताते हैं कि इस टावर के संचालन से प्रदूषण के स्तर में कितनी गिरावट हो रही है और यह किसी स्थानीय स्तर पर कितना प्रभावी है।
टावर का निर्माण इस बात की ज़रा है कि यह जलने वाले ईंधन से निकलने वाले PM 2.5 प्रदूषकों को पकड़कर एक वर्ग किलोमीटर से अधिक क्षेत्र में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए बनाया गया है। इसमें हर घंटे 80,000 क्यूबिक मीटर हवा को साफ करने की क्षमता है, जिससे यह आस-पास के इलाकों में प्रदूषण को नियंत्रित करने में सहारा प्रदान कर रहा है।
सामाजिक जिम्मेदारी के तहत बनाए गए इस टावर का मुख्य उद्देश्य है आस-पास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता में सुधार करना है और लोगों को शुद्ध हवा प्रदान करना है। इसका नियमित मॉनिटरिंग सिस्टम यह सुनिश्चित करता है कि यह अपने उद्देश्य में कितना सफल हो रहा है और क्या और कैसे सुधार किया जा सकता है।
नोएडा में बनाए गए एंटी-स्मॉग टावर की मिसाल से स्पष्ट होता है कि सामाजिक जिम्मेदारी के तहत उपयुक्त योजनाएं और उपायों के माध्यम से प्रदूषण को कम किया जा सकता है। यह एक प्रेरणास्त्रोत है जो अन्य क्षेत्रों में भी अपनाया जा सकता है ताकि देशवासी शुद्ध हवा में सांस लेने में सकुशल हो सकें।
नोएडा का एंटी-स्मॉग टावर एक सशक्त पहल है जो प्रदूषण के स्तर में सुधार करने के लिए उदाहरण स्वरूप है। इसके संचालन से प्राप्त आंकड़े और आशीर्वादपूर्ण प्रतिक्रियाएं दिखाती हैं कि सही दिशा में कदम बढ़ाने के लिए सामाजिक जिम्मेदारी का महत्व बढ़ रहा है।