प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर के उद्घाटन के लिए अयोध्या में हो रहे रामलला प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के इस महत्वपूर्ण अवसर पर, नेपाल के जनकपुर में भी धूमधाम से उत्सव शुरू हो गया है। इस मौके पर, भगवान राम के ससुराल में जनकपुर में भी खासा उत्साह है। मां सीता की जन्मभूमि सीतामढ़ी और मायके जनकपुर के लोग इस महोत्सव के लिए उत्साहित हैं।
त्रेतायुग के बाद पहली बार इस अद्भुत यात्रा में, भगवान राम के दामाद का घर गृह प्रवेश होने जा रहा है, और इस बहुत खास मौके पर ससुराल से भार (मायके से बेटी के ससुराल में भेजे जाने वाले सामान) की पूरी तैयारी कर ली गई है। परंपरा के अनुसार, इस खास अवसर के लिए जनकपुर से 4 जनवरी को दामाद के लिए खास उपहारों का भेजा जाएगा।
आध्यात्मिक रिश्तों की मजबूती के साथ, अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा से त्रेतायुगीन आध्यात्मिक रिश्तों की डोर मजबूत हो रही है। जनकपुरधाम स्थित जानकी मंदिर के उत्तराधिकारी महंत राम रोशन दास वैष्णव ने बताया कि पूरे जनकपुर धाम से लोग उपहार लेकर आ रहे हैं और इस भार में पकवान, तेल-मसाले, मेवा, चूड़ा, मखाना और कपड़े से लेकर आभूषण तक शामिल हैं। महंत डॉ. रवींद्र दास वैष्णव के अनुसार इन सभी उपहारों को ट्रकों में भरकर अयोध्या ले जाया जाएगा।
जानकपुर धाम के सिमरदही मठ के महंत डॉ. रवींद्र दास वैष्णव ने कहा कि प्रभु राम का भव्य मंदिर अयोध्या में बनाए जाने से नेपाल में गर्व और उत्साह है। त्रेता युग के बाद पहली बार ऐसा अवसर आया है कि जनकपुर धाम से अयोध्या उपहार भेजा जा रहा है।
इस समय तक 20 हजार उपहारों को टोकरी में जमा किया गया है, जिनमें आपको पकवान, तेल-मसाले, मेवा, चूड़ा, मखाना सहित अन्य वस्त्र और आभूषण भी शामिल हैं। जनकपुर धाम में लोग इन टोकरियों में अपने नाम और मोबाइल नंबर लिखकर उन्हें जमा कर रहे हैं, ताकि इन्हें अयोध्या भेजने में सुविधा हो सके। इन खास उपहारों को भरकर ट्रकों में समेटा जाएगा और इन्हें अयोध्या ले जाने का आयोजन किया जाएगा।
स्थानीय लोगों के अनुसार, यह एक अद्वितीय और महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, जो नेपाल में आध्यात्मिक और सांस्कृतिक सम्बंधों को मजबूती देगी और राम मंदिर के निर्माण के लिए आम जनता की भावनाओं को दिखाती है।