प्रसिद्ध राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने 2025 में बिहार में जनता का राज लाने का ऐलान कर दिया है। उन्होंने कहा है कि 2 अक्टूबर 2024 को जन सुराज को एक राजनीतिक पार्टी में बदलेंगे। इस घोषणा के साथ ही बिहार की राजनीति में एक नया मोड़ आ गया है। प्रशांत किशोर की राजनीतिक यात्रा को लेकर जेडीयू, बीजेपी और आरजेडी के नेताओं ने अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं। आइए जानते हैं कि इन प्रमुख दलों ने इस पर क्या प्रतिक्रिया दी है।
जेडीयू की प्रतिक्रिया
जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने प्रशांत किशोर पर तीखा हमला करते हुए कहा कि जन सुराज प्रशांत किशोर का संगठन है और अब वे इसे एक राजनीतिक पार्टी का रूप देने की तैयारी में हैं। नीरज कुमार ने कहा कि राजनीति के जितने भी छूटे हुए कारतूस हैं, वे प्रशांत किशोर के नेतृत्व में काम करने के लिए तैयार हो गए हैं। उन्होंने दावा किया कि प्रशांत किशोर के राजनीति में आने से जेडीयू को कोई नुकसान नहीं होगा। नीरज कुमार ने यह भी कहा कि 2025 में प्रशांत किशोर को पता चल जाएगा कि वे डैमेज करेंगे या खुद डैमेज हो जाएंगे।
आरजेडी की प्रतिक्रिया
आरजेडी के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने प्रशांत किशोर के जन सुराज की आलोचना करते हुए कहा कि बिहार की 14 करोड़ जनता समझ रही है कि हम कहां सुरक्षित हैं। उन्होंने प्रशांत किशोर को एक ‘राजनीतिक मौसम का एक पार्टी’ कहा और कहा कि प्रशांत किशोर पुराने कैसेट बजा रहे हैं। मृत्युंजय तिवारी ने जन सुराज में कर्पूरी ठाकुर की पोती के शामिल होने को मामूली बात बताते हुए कहा कि आज कर्पूरी ठाकुर की आत्मा कराह रही होगी।
बीजेपी की प्रतिक्रिया
बीजेपी के प्रवक्ता राकेश सिंह ने प्रशांत किशोर को एक इवेंट मैनेजर कहते हुए कहा कि जितने भी घिसे हुए लोग हैं, वे प्रशांत किशोर के साथ जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर ने अपने इवेंट के तहत बिहार में टेंट लगाना शुरू किया था, लेकिन बिहार की जनता जानती है कि इस राज्य का विकास डबल इंजन की सरकार यानी एनडीए करती है और एनडीए ही करेगी। राकेश सिंह ने कहा कि प्रशांत किशोर के इन राजनीतिक फेरों में बिहार की जनता फंसने वाली नहीं है।
प्रशांत किशोर की राजनीतिक रणनीति
प्रशांत किशोर ने अपनी रणनीति में यह स्पष्ट कर दिया है कि वे सभी सीटों पर चुनाव लड़ेंगे और जनता का राज लाएंगे। उन्होंने कहा कि बिहार के लोग बदलाव चाहते हैं और जन सुराज इसका माध्यम बनेगा। प्रशांत किशोर की इस घोषणा ने बिहार के राजनीतिक दलों में हलचल मचा दी है।
जन सुराज की चुनौतियाँ
प्रशांत किशोर की पार्टी के सामने कई चुनौतियाँ हैं। सबसे बड़ी चुनौती यह होगी कि वे बिहार की जनता को अपने पक्ष में कैसे करें। बिहार में पहले से ही तीन प्रमुख राजनीतिक दल – जेडीयू, आरजेडी और बीजेपी – मौजूद हैं, जो अपने-अपने आधार वोटों पर मजबूत पकड़ बनाए हुए हैं। ऐसे में प्रशांत किशोर को इन दलों के वोट बैंक में सेंध लगाने के लिए काफी मेहनत करनी होगी।
प्रशांत किशोर का संभावित प्रभाव
प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज का बिहार की राजनीति पर क्या प्रभाव पड़ेगा, यह तो आने वाला समय ही बताएगा। लेकिन उनकी रणनीति और उनकी पार्टी का गठन बिहार की राजनीति में एक नया मोड़ ला सकता है। प्रशांत किशोर ने अपने राजनीतिक करियर में कई बड़ी सफलताएँ हासिल की हैं और उनकी रणनीतिक कौशल को देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि वे बिहार में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
प्रशांत किशोर की चुनावी घोषणा ने बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी है। जेडीयू, आरजेडी और बीजेपी ने अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएँ दी हैं और इसे लेकर राजनीतिक विश्लेषकों के बीच भी चर्चा का विषय बना हुआ है। प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज का बिहार की राजनीति पर क्या प्रभाव पड़ेगा, यह तो 2025 के चुनावों में ही पता चलेगा। लेकिन यह स्पष्ट है कि प्रशांत किशोर ने बिहार की राजनीति में एक नया अध्याय शुरू कर दिया है।