ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी का हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त होने की घटना ने पूरे देश में हलचल मचा दी है। यह दुर्घटना घने कोहरे और कठिन मौसम की परिस्थितियों के बीच हुई जब राष्ट्रपति रईसी अज़रबैजान रिपब्लिक के साथ सीमा पर एक बांध के उद्घाटन समारोह से लौट रहे थे। इस घटना ने न केवल ईरान के राजनीतिक माहौल को झकझोर दिया है बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चिंता बढ़ा दी है।
दुर्घटना स्थल पर बचाव कार्य बहुत कठिनाई से चल रहा है। घने कोहरे, बारिश और ठंड के चलते बचावकर्मियों को घटनास्थल तक पहुंचने में बाधाएं आ रही हैं। ईरान के एक अधिकारी ने रॉयटर्स को बताया कि घटनास्थल से आ रही जानकारी बेहद चिंताजनक है। सरकारी समाचार एजेंसी ‘आईआरएनए’ ने भी इस घटना की पुष्टि की है और बताया कि राष्ट्रपति रईसी और उनके विदेश मंत्री को ले जा रहा हेलीकॉप्टर वरज़कान क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त हो गया है।
इस संकटपूर्ण स्थिति में ईरान की सेना और एलीट रिवोल्यूशनरी गार्ड्स को घटनास्थल पर भेजा गया है। सेना के चीफ ऑफ स्टाफ ने सभी संसाधनों को बचाव कार्य में लगाने का आदेश दिया है। क्षेत्रीय सेना कमांडर के अनुसार, क्षेत्र में बहुत ठंड, बारिश और कोहरा है और बारिश धीरे-धीरे बर्फ में तब्दील हो रही है, जिससे बचाव कार्य और भी कठिन हो गया है।
तुर्की के एक ड्रोन ने दुर्घटना स्थल पर गर्मी के स्रोत की पहचान की है, जिससे यह संभावना बढ़ी है कि वहां हेलीकॉप्टर का मलबा हो सकता है। तुर्की की समाचार एजेंसी अनादोलु ने भी इस बारे में जानकारी दी है और बताया कि ईरानी अधिकारियों से इस जानकारी को साझा किया गया है। ईरान की अर्ध-आधिकारिक एफएआरएस समाचार एजेंसी ने बताया कि एक जलती हुई जगह का पता चला है और बचाव बलों को उस क्षेत्र में भेजा जा रहा है।
ईरान के सुप्रीम लीडर अयातोल्लाह अली खामेनई ने इस घटना के बाद एक बयान जारी कर कहा है कि ईरान का प्रशासन इस हादसे से प्रभावित नहीं होगा। उन्होंने देशवासियों से चिंता न करने का आग्रह किया है और राष्ट्रपति रईसी के स्वास्थ्य के लिए दुआ भी की है। खामेनई ने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार के कामकाज पर इस दुर्घटना का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
यह दुर्घटना ऐसे समय में हुई है जब ईरान कई आंतरिक और बाहरी संकटों से जूझ रहा है। ईरान के भीतर राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक समस्याओं को लेकर असंतोष बढ़ रहा है। तेहरान के विवादित परमाणु कार्यक्रम और यूक्रेन में युद्ध के दौरान रूस के साथ उसके गहरे होते सैन्य संबंधों के कारण अंतरराष्ट्रीय दबाव भी बढ़ रहा है। इसके अलावा, इजराइल और हमास के बीच चल रहे संघर्ष ने पूरे मध्य पूर्व में तनाव को और बढ़ा दिया है।
ईरान के सहयोगी हमास ने 7 अक्टूबर को इजराइल पर अभूतपूर्व हमला किया था, जिसके बाद इजराइल-हमास जंग छिड़ गई। गाजा पर इजरायली बलों के हमले और ईरान द्वारा पिछले महीने इजराइल पर किए गए जबरदस्त ड्रोन और मिसाइल हमले ने स्थिति को और भी जटिल बना दिया है।
राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी, जो 63 वर्षीय हैं, को 2021 में राष्ट्रपति चुना गया था। उन्होंने पद संभालने के बाद से नैतिकता कानूनों को कड़ा करने और सरकार विरोधी प्रदर्शनों पर कड़ी कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं। कई लोग रईसी को खामेनई के उत्तराधिकारी के रूप में भी देखते रहे हैं।
इस दुर्घटना के चलते ईरान की राजनीतिक स्थिरता पर भी सवाल उठने लगे हैं। राष्ट्रपति रईसी के स्वास्थ्य की स्थिति और उनके भविष्य को लेकर भी अटकलें लगाई जा रही हैं। इस घटनाक्रम ने न केवल ईरान के अंदरूनी हालात को उजागर किया है बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इसके प्रभाव को महसूस किया जा रहा है।
अंततः, इस दुर्घटना ने ईरान के लिए एक गंभीर चुनौती पेश की है। बचाव कार्य तेजी से चल रहा है और उम्मीद है कि जल्द ही इस संकट का समाधान निकल आएगा। लेकिन इस घटना ने ईरान के राजनीतिक और सामाजिक ढांचे को हिला दिया है और इसके प्रभावों को लंबे समय तक महसूस किया जा सकता है।