लिस्बन: पुर्तगाल में राजनीतिक उथल-पुथल के चलते प्रधानमंत्री ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है और इसके साथ ही राष्ट्रपति ने संसद को भंग करने का ऐलान किया है। इसमें प्रधानमंत्री के इस्तीफे के पीछे चार मंत्रियों की गिरफ्तारी भी शामिल है। इस घटना के बाद राष्ट्रपति ने 10 मार्च को चुनाव का आयोजन करने का निर्णय लिया है।
पुर्तगाल सरकार को भ्रष्टाचार के आरोपों में फंसाने वाले मामले के बाद प्रधानमंत्री एंटोनियो कोस्टा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। इसके पहले ही पुलिस ने उनके चार मंत्रियों और चीफ ऑफ स्टाफ को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के तहत हुई छापेमारी शामिल है। प्रधानमंत्री ने इस्तीफे देने के साथ ही अपनी निर्दिष्ट समय सीमा में चुनाव का ऐलान किया है.
प्रधानमंत्री के इस्तीफे के बाद, पुर्तगाल के राष्ट्रपति मार्सेलो रेबेलो डी सौसा ने संसद को भंग करने का ऐलान किया है। उन्होंने समय पूर्व चुनाव कराने का निर्णय लिया है और चुनाव की तारीख को 10 मार्च के रूप में घोषित किया है। इसका मतलब है कि पुर्तगाल में राजनीतिक स्थिति नए तरीके से स्थायी बनेगी.
पुलिस ने भ्रष्टाचार मामले की जांच के तहत प्रधानमंत्री के चार मंत्रियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से एक मंत्री ने चीफ ऑफ स्टाफ को भी शामिल किया है। इसमें व्यापक स्तर पर छापेमारी हुई है और राजनीतिक उथल-पुथल की गहरी संदेह है।
राष्ट्रपति सौसा ने अपने संबोधन में यह बताया कि वह देश की संसद को भंग करने का फैसला कर रहे हैं और 10 मार्च को नए चुनाव का आयोजन किया जाएगा। इसके बाद वह नई सरकार का गठन करेंगे और देश को नए नेतृत्व में स्थान देंगे।
यह घटना पुर्तगाल में राजनीतिक हलचल को बढ़ा रही है और चुनाव से पहले नए दौर की शुरुआत कर सकती है। प्रधानमंत्री के इस्तीफे और चार मंत्रियों की गिरफ्तारी से पुर्तगाल की राजनीति में बड़ी चुनौती पैदा हो सकती है, जिससे देश के नागरिकों की उम्मीदें और राजनीतिक स्थिति में बदलाव हो सकता है।
यह समाचार प्रभावकारी रूप से प्रस्तुत करता है कि भ्रष्टाचार के आरोप लगने पर भारत में भी सख्त कदम उठाना चाहिए ताकि लोग आपस में विश्वास कर सकें और सरकार की नीतियों में सहमति प्रकट कर सकें।