रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन के बीच कुछ न कुछ खिचड़ी तो जरूर पक रही होगी। क्या पुतिन अब यूक्रेन पर परमाणु हमला करना चाहते हैं, जिसके बाद यूरोप और अमेरिका के रिएक्शन का अंदाजा लगाकर उन्होंने अपने मित्र चीन और उत्तर कोरिया के साथ कोई गुप्त डील की है।उत्तर कोरिया के सनकी नेता किम जोंग उन ने रूस के राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात के कुछ दिनों बाद ही परमाणु हथियारों का उत्पादन बढ़ाने का आह्वान करके पूरी दुनिया में खलबली मचा दी है। आखिर पुतिन और किम जोंग और उससे पहले पुतिन और शी जिनपिंग की मुलाकात के दौरान ऐसी क्या खिचड़ी पकी कि उत्तर कोरिया ने यह खतरनाक प्लान बना डाला। क्या यह माना जाए कि दुनिया अब तीसरे विश्व युद्ध की ओर बढ़ रही है और रूस, चीन व उत्तर कोरिया ने अपने संगठन को अभी से फौलाद बनाना शुरू कर दिया है। किम जोंग का यह ऐलान ऐसे वक्त में हुआ है जब करीब 1 माह पहले पुतिन ने यूक्रेन युद्ध को खत्म करने को कहा था।
रूस में लगभग 6 दिन गुजार कर अपने स्वदेश लौटे कोरियाई नेता किम जोंग उन ने परमाणु हथियारों के उत्पादन में तेजी लेन और ‘‘नए शीत युद्ध’’ में अमेरिका का सामना कर रहे देशों के गठबंधन में अपने देश के बड़ी भूमिका निभाने का आह्वान किया। सरकारी मीडिया ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी (केसीएनए) ने बताया कि किम ने देश की संसद के दो दिवसीय सत्र के दौरान ये टिप्प्णियां कीं। इस खबर ने अमेरिका और यूरोप में सनसनी फैला दी है।
अपने भयानक सोच को अंजाम देने के लिए किम जोंग उन कितना अधिक तेजी से कार्य कर रहे हैं, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि परमाणु हथियार बढ़ाने के लिए उत्तर कोरिया ने अपने कानून में संशोधन कर दिया है। संसद सत्र के दौरान देश के परमाणु हथियार कार्यक्रम का विस्तार करने की किम की नीति को शामिल करने के लिए संविधान में संशोधन किया गया। यह संसद सत्र तब आयोजित किया गया है जब किम ने इस महीने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात करने तथा सैन्य एवं तकनीकी स्थलों का दौरा करने के लिए रूस के ‘फार ईस्ट’ क्षेत्र की यात्रा की।
किम जोंग उन ने अमेरिका के खिलाफत वाले देशों की अगुवाई करने के साथ ही उन्हें उसके खिलाफ एकजुट होने का आग्रह किया।किम की टिप्पणियों पर केसीएनए (कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी) की खबर तब आयी है जब एक दिन पहले उत्तर कोरिया ने जुलाई में बहुत मात्रा में हथियारों से लैस अंतर-कोरियाई सीमा से देश में प्रवेश करने वाले अमेरिकी सैनिक ट्रैविस किंग को मुक्त कर दिया। किंग को रिहा किए जाने से वे अटकलें खारिज हो गयी है कि उत्तर कोरिया, अमेरिका से छूट हासिल करने के लिए उसकी रिहाई में मोलभाव कर सकता है और यह संभावित रूप से अमेरिका के साथ कूटनीति में उत्तर कोरिया की अरूचि को भी दर्शाता है। किम ने संसद में दिए भाषण में परमाणु हथियारों का उत्पादन तेजी से बढ़ाने के लिए काम करने पर जोर दिया। उन्होंने अपने राजनयिकों से ‘‘अमेरिका के खिलाफ खड़े देशों के प्रति एकजुटता को बढ़ावा देने’’ का भी अनुरोध किया।