कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच मध्यप्रदेश विधानसभा चुनावों के बाद उत्तर प्रदेश में हो रहे गठबंधन की चर्चा में नए मोड़ आए हैं। कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी को किसी भी सीट का दावेदार नहीं बनाने का फैसला किया है, जिससे सपा प्रमुख अखिलेश यादव नाराज हो गए हैं। इस चर्चा में अब राहुल गांधी ने अखिलेश यादव को मैसेज भेजा है और उन्हें मनाने का प्रयास किया है।
मैसेज में राहुल गांधी ने यह कहा हो सकता है कि गठबंधन की अवस्था में बातचीत करने का समय आया है और दोनों पार्टियों को एक साथ काम करने का तरीका निकालना चाहिए। इससे पहले उन्होंने सुप्रिया श्रीनेत के बयान के बाद आए नाराजगी को देखते हुए यह कदम उठाया है। गठबंधन का मुद्दा अब सुर्खियों में है और इस संबंध में राहुल गांधी और अखिलेश यादव के बीच होने वाली बातचीत का अंतरराष्ट्रीय मीडिया में भी पर्याप्त प्रमुखन हो सकता है।
इस मसले में हो रही चर्चा ने यह भी दिखाया है कि उत्तर प्रदेश में राजनीतिक समीकरणों में बदलाव के चलते दलों के बीच सहयोग की आवश्यकता हो सकती है। इससे पहले कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी को किसी भी सीट के लिए नहीं छोड़ने का फैसला किया है और यह कांग्रेस के नेताओं और सपा के नेताओं के बीच बढ़ते तनाव को दर्शाता है।
इस चर्चा के माध्यम से राहुल गांधी ने यह साबित करने का प्रयास किया है कि गठबंधन के माध्यम से विपक्षी दलों को मिलकर भाजपा के खिलाफ मजबूती का सामना करना चाहिए और इसे रोकने के लिए उन्हें एक साथ काम करना चाहिए। इस मौके पर राहुल गांधी की कोशिश है कि अखिलेश यादव को गुस्सा करने के बजाय सहयोगी बनाया जा सके और उत्तर प्रदेश में बीजेपी के खिलाफ एकजुटता की बढ़ावा दिया जा सके।