एक्सपर्ट्स का कहना है कि उत्तरकाशी टनल रेस्क्यू ऑपरेशन में आज रात तक गुड न्यूज़ मिल सकती है. टनल के भीतर फंसी ऑगर मशीन को निकालने के लिए मैनुअली मलबा हटाने का काम शुरू होगा. रैट माइनर्स टीम के 15 सदस्य मलबा हटाने का काम करेगी, और विशेषज्ञों के अनुसार, अगले 20 से 24 घंटे में कामयाबी मिल सकती है. रैट माइनर्स टीम दावा कर रही है कि वे 1 मीटर प्रति घंटा की रफ्तार से खोदेंगे, जिससे आज रात तक अच्छी खबर मिलने की उम्मीद है.
मौसम विभाग ने उत्तरकाशी में येलो अलर्ट जारी किया है, क्योंकि बारिश की संभावना है और इससे ऑपरेशन में कुछ परेशानियां आ सकती हैं. रेस्क्यू टीम ने ऑपरेशन के प्लान बी के तहत सुरंग के ऊपर वर्टिकल ड्रिलिंग शुरू की है और ड्रिलिंग के काम में पहले दिन करीब 20 मीटर तक पहुंच गई है.
सिल्क्यारा टनल में फंसे 41 मजदूरों को निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है और ड्रिलिंग का काम 20 मीटर तक पहुंच गया है. सिल्क्यारा टनल में फंसे मजदूर के परिवार से मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने मुलाकात की और उन्हें भरोसा दिलाया कि सभी मजदूरों को जल्द सुरक्षित निकाला जाएगा.
रेस्क्यू टीम की मॉनिटरिंग कर रहे अफसरों के अनुसार, ऑपरेशन बेहद जटिल है, लेकिन उन्होंने ये भी साफ किया है कि वे जगह तलाश ली हैं जहां से 86 मीटर ड्रिलिंग की जानी है और ड्रिलिंग का काम जल्दी पूरा हो सकता है.
सड़क और परिवहन विभाग के अतिरिक्त सचिव तकनीकी महमूद अहमद ने बताया कि ड्रिलिंग के काम में दो दिनों के भीतर ही शुरू हो सकता है और उनका लक्ष्य है 15 दिनों में टनल से मजदूरों को निकालना. इसके अलावा, विभिन्न प्लानों पर काम हो रहा है जिनमें वर्टिकल ड्रिलिंग, साइड-वे ड्रिलिंग, और ड्रिफ्ट तकनीक शामिल हैं.
इसके बावजूद, ऑपरेशन को लेकर महत्वपूर्ण है कि लोग धैर्य बनाए रखें, क्योंकि यह एक जटिल प्रक्रिया है और सफलता प्राप्त करने में कुछ समय लग सकता है. उत्तरकाशी से रिपोर्ट करते हुए राजनाथ सिंह ने भी बताया कि सरकारें पूरी तरह से प्रयास कर रही हैं ताकि टनल में फंसे लोगों को सुरक्षित निकाला जा सके.
ऑपरेशन की मोड़ पर अब तक सफलता 10 मीटर दूर बची है, लेकिन वर्टिकल ड्रिलिंग जो प्लान बी के तहत की जा रही है, उसमें भी बड़ी कामयाबी हो रही है. ऑपरेशन पूरा होने में कुछ समय लग सकता है, लेकिन सफलता तय है।