हमारे देश में अनेक धर्मो के लोग रहते है इसलिए यहाँ अनेक तरह के पर्ब-त्योहार भी मनाया जाता है उसी में से एक है रक्षाबंधन ,जो भाई बहन के प्रेम को दर्शाता है | रक्षाबंधन का त्योहार भारत में भाई-बहन के प्यार और संबंध को मनाने का एक महत्वपूर्ण दिन है। इस खास मौके पर बहन अपने भाई को राखी बांधती है एवं मिठाई भी खिलाती है और बदले में भाई अपने बहन को तोहफे के रूप में कोई गिफ्ट और आशीर्वाद देते हैं। लेकिन हैदराबाद के इस घटना ने सब के दिलो को झकझोर के रखा है जहाँ एक भाई ने अपनी बहन के लिए अपने शरीर का एक अंग दान किया है, जिसने भाई-बहन के रिश्ते की अद्वितीयता को दर्शाया।
भाई ने अपनी बहन की बढ़ती स्वास्थ्य के लिए किडनी दान का बड़ा साहसी निर्णय लिया

पुणे के रहने वाले एक भाई ने अपनी बहन की स्वास्थ के लिए बड़ा और साहसी फैसला लिया कि वह अपनी किडनी को दान कर देगा। उनकी बहन की सामान्य सेहत ख़राब हो जाने के बाद, उन्होंने यह निर्णय लिया कि वह अपने अंग की दान करके उनकी जीवन की रक्षा करेगा। इससे पहले उन्होंने किडनी दान के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया था, और जून महीने में इस सफल ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया पूरी की गई।
इस घटना से स्पष्ट होता है कि भाई -बहन के प्रेम का कोई अनुमान लगाना संभव नहीं है

इस घटना से स्पष्ट होता है कि भाई -बहन के प्रेम का कोई अनुमान लगाना संभव नहीं है क्यों की भाई-बहन के प्यार और समर्पण को कोई सीमा नहीं होती। भाई ने अपनी बहन की तबीयत में सुधार के लिए अपना सबसे मूल अंग दान करके उनके प्रति अपनी सहानुभूति और स्नेह को प्रकट किया। यह घटना हमें यह सिखाती है कि भाई-बहन के रिश्ते किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए साथ होते हैं और उनके प्यार में अद्वितीयता होती है।
इस भाई की कदर करने वाले सभी लोगों ने इस अमूल्य उपहार की सराहना की है, और इसकी मिसाल देकर वे दूसरों को भी प्रेरित कर रहे हैं कि वे भी समर्पण और सहानुभूति के माध्यम से अपने प्रियजनों के साथ खड़े रहें।
भाई-बहन के प्यार और समर्पण की इस मिसाल से हमें यह सिखने को मिलता है कि रिश्तों का मूल आधार प्यार, समर्पण, और सहानुभूति होता है, और यही रिश्तों को मजबूत और अमर बनाता है।