एक राम भक्त नामक शख्स, मनोज कुमार सिंह, कड़ाके की ठंड में साइकिल से अयोध्या की ओर बढ़ रहा है। उनका इस सफर में निर्णय अद्भुत है, क्योंकि वह 1100 किलोमीटर का सफर साइकिल पर करेंगे। यह साइकिल यात्रा अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा के आगे हो रहे हैं, जो 22 जनवरी को होने वाले हैं।
मनोज कुमार सिंह मूल रूप से उत्तर प्रदेश के मैनपुरी के निवासी हैं और कुछ दिन पहले तक अहमदाबाद में एक प्राइवेट कंपनी में काम करते थे। हालांकि, उन्होंने अपने श्रद्धा भाव को प्रकट करने के लिए अयोध्या जाने का निर्णय लिया है।
साइकिल से 1100 किमी का अद्वितीय सफर:

साइकिल से अयोध्या की ओर बढ़ते हुए, मनोज साइकिल से सौ या दो सौ किलोमीटर की यात्रा नहीं कर रहे हैं, बल्कि वह पूरे 1100 किमी का सफर तय करेंगे। उनका मंगलवार से शुरू होने वाला यह अद्वितीय सफर उन्हें बागेश्वर धाम (छतरपुर) पहुंचाएगा, जहां से वे अपना अयोध्या की ओर का सफर जारी रखेंगे। इस दौरान, उनका कुल सफर 1100 किलोमीटर की दूरी को कवर करेगा।
साइकिल यात्रा का उद्दीपन:

मनोज कुमार सिंह ने साइकिल पर तिरंगा और राम मंदिर का झंडा लगाया हुआ है, जिससे उनकी श्रद्धा और भक्ति का संकेत मिलता है। उन्होंने अपनी साइकिल पर हनुमान जी का बड़ा सा झंडा भी बांधा है, जो साइकिल के ऊपर फहराता है। इस अद्वितीय यात्रा के दौरान, मनोज कुमार सिंह अकेले ही इस महत्वपूर्ण सफर पर निकले हैं और उनकी खुशी उनके चेहरे पर स्पष्ट दिखाई दे रही है।
अयोध्या में होगा हाजिरी:
मनोज कुमार सिंह का यह साइकिल सफर 20 से 21 जनवरी के बीच अयोध्या में समाप्त होगा, जहां उन्हें रामलला के दरबार में हाजिरी लगाने का योजना है। उनका यह निर्णय और उनकी शक्तिशाली इरादा आपसी सद्भाव और भक्ति की भावना को दर्शाता है।
अधिक प्रशंसा और स्वागत:
इस साइकिल यात्रा के दौरान, मनोज कुमार सिंह को कई स्थानीय लोगों ने उनके साइकिल यात्रा का हार्दिक स्वागत किया है, जिससे उनकी यात्रा को और भी महत्वपूर्ण बना दिया है।

इस समय, एक और राम भक्त, सुरेश नामक शख्स, अहमदाबाद से पैदल अयोध्या जा रहे हैं और उनकी पैदल यात्रा भी भव्य स्वागत में शामिल हुई है। उनका 1350 किलोमीटर का सफर अकेले प्रभु राम की नगरी अयोध्या तक जारी है, और उन्होंने कहा है कि उनका मुख्य उद्देश्य 20 से 21 जनवरी के बीच अयोध्या पहुंचना है।
इस प्रकार, यह राम भक्तों का उत्साह और आस्था से भरा इस श्रद्धा सफर रामलला के प्रति उनकी अद्वितीय प्रेम और बड़े समर्थन का प्रतीक है। ये साधक अपनी भक्ति और आस्था के साथ अयोध्या के प्रति अपना समर्पण दिखा रहे हैं, जो राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के नज़दीक आते हैं।