अयोध्या में निर्माणाधीन भव्य राम मंदिर की छत से पहली ही बारिश में पानी टपकने की घटना ने सभी का ध्यान आकर्षित किया है। मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने इस पर अपनी नाराजगी जाहिर की है और मंदिर निर्माण कार्य में लापरवाही के आरोप लगाए हैं। इस मुद्दे ने राजनीतिक और प्रशासनिक गलियारों में भी हलचल मचा दी है।
घटना का विवरण
राम मंदिर को हाल ही में जनता के लिए खोला गया था और पहली ही बारिश के बाद मंदिर के गर्भगृह की छत से पानी टपकने लगा। मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि बारिश के बाद मंदिर के भीतर पानी भर गया, जिसे निकालने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ी। उन्होंने इस पर आश्चर्य व्यक्त किया कि इतने बड़े इंजीनियरों की मौजूदगी के बावजूद ऐसी घटना कैसे हो सकती है। उन्होंने आरोप लगाया कि मंदिर निर्माण में लापरवाही बरती गई है।
मंदिर निर्माण में लापरवाही के आरोप
आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि विश्व प्रसिद्ध मंदिर के निर्माण में ऐसी लापरवाही होना बहुत गलत है। उन्होंने बताया कि रामलला के विग्रह के सामने और पुजारी के बैठने की जगह पर पानी टपक रहा था। उन्होंने मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र को सूचना दी, जिन्होंने तत्काल छतों की मरम्मत और वाटर प्रूफिंग के निर्देश दिए।
प्रशासनिक और राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
मंदिर ट्रस्ट के अधिकारी इस घटना पर टिप्पणी करने से बचते रहे। वहीं, अयोध्या के महापौर गिरीश पति त्रिपाठी ने कहा कि उन्होंने जलभराव वाले इलाकों में पानी निकालने के लिए नगर पालिका की कई टीमें लगाई हैं। हालांकि, लोक निर्माण विभाग के अधिकारी इस पर कोई प्रतिक्रिया देने के लिए आगे नहीं आए।
कांग्रेस का भाजपा पर हमला
इस बीच, कांग्रेस ने इस घटना को लेकर भाजपा पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि भाजपा के लिए भगवान राम का मंदिर भी भ्रष्टाचार का अवसर बन गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि करोड़ों रुपये की लागत से बने राम मंदिर के गर्भगृह में पानी का रिसाव हो रहा है और जल निकासी की कोई उचित व्यवस्था नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि अयोध्या के विकास का दावा करने वाली भाजपा का असली चेहरा राम पथ की सड़कों के ढहने से उजागर हो गया है।
अयोध्या की स्थिति
अयोध्या में राम पथ और उससे जुड़ी गलियों में भी भारी जलभराव हो गया। रामपथ मार्ग और नवनिर्मित सड़कें कई स्थानों पर धंस गई हैं। घरों में सीवर का पानी भर जाने से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। अयोध्या नगर के विभिन्न इलाकों में जलभराव की स्थिति बनी हुई है, जिससे स्थानीय लोग परेशान हैं।
सुधारात्मक कदम
मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने छतों की मरम्मत और वाटर प्रूफिंग के निर्देश दिए हैं। प्रशासनिक स्तर पर भी जलभराव की समस्या को हल करने के प्रयास किए जा रहे हैं। नगर पालिका की टीमें जलभराव वाले इलाकों से पानी निकालने में जुटी हैं।
अयोध्या में राम मंदिर की छत से पानी टपकने की घटना ने न केवल मंदिर निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठाए हैं, बल्कि प्रशासनिक और राजनीतिक हलकों में भी खलबली मचा दी है। मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने इस पर नाराजगी जताई है और लापरवाही के आरोप लगाए हैं। कांग्रेस ने इस मुद्दे पर भाजपा को निशाने पर लिया है और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। प्रशासनिक स्तर पर भी जलभराव की समस्या को हल करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
यह घटना एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गई है, जो मंदिर निर्माण की गुणवत्ता और प्रशासनिक प्रबंधन की क्षमता पर सवाल खड़े करती है। इसे ठीक करने के लिए तत्काल कदम उठाए जाने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसी समस्याओं से बचा जा सके। जनता के लिए एक सुरक्षित और पवित्र स्थल के रूप में राम मंदिर का निर्माण और रखरखाव सुनिश्चित करना सभी संबंधित पक्षों की जिम्मेदारी है।