रामलला के दर्शन के लिए आ रहे दर्शनार्थियों को ध्यान देने के लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने कुछ महत्वपूर्ण नियमों को जारी किया है। इन नियमों का पालन करते हुए दर्शनार्थी अपने दर्शन का आनंद उठा सकते हैं और सुरक्षित रूप से मंदिर में प्रवेश कर सकते हैं।
श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में दर्शन के लिए प्रतिदिन औसतन 1 से 1.5 लाख दर्शनार्थी दर्शन कर रहे हैं। इसके लिए दर्शनार्थी मंदिर में सुबह 6:30 बजे से लेकर रात 9:30 बजे तक प्रवेश कर सकते हैं। दर्शनार्थियों को 60 से 75 मिनट के भीतर भगवान श्री रामलला सरकार के दिव्य दर्शन सुगमता से हो जाते हैं।
दर्शन करने वाले व्यक्ति को ध्यान देना चाहिए कि उन्हें मंदिर परिसर के अंदर जाते समय अपने मोबाइल फोन, जूते-चप्पल, पर्स आदि को बाहर ही छोड़ देना चाहिए। इससे उन्हें समय की बचत होगी और मंदिर परिसर में होने वाली भीड़ से भी उन्हें आराम मिलेगा।
श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में दर्शन के लिए फूल-माला, प्रसाद आदि को साथ नहीं लेकर आना चाहिए। प्रवेश करते समय और बाहर आते समय आरतियों के समय प्रवेश पत्र की आवश्यकता नहीं होती है।
दर्शनार्थियों को ध्यान देना चाहिए कि श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में किसी भी प्रकार का विशेष पास नहीं होता है। यदि किसी ने आपको पैसे लेने का प्रस्ताव किया तो उसे नकारना चाहिए क्योंकि ऐसा कोई नियम नहीं है।
वृद्धजनों और दिव्यांगजनों के लिए श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में व्हीलचेयर की सुविधा उपलब्ध है। यह सुविधा मंदिर परिसर में ही उपलब्ध है और इसका कोई भी किराया नहीं है।
अधिकारिक जानकारी के लिए, दर्शन के लिए प्रवेश पत्र को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की वेबसाइट से भी प्राप्त किया जा सकता है। यह प्रवेश पत्र निःशुल्क है और दर्शनार्थियों को अपने आवश्यक विवरण जैसे नाम, आयु, आधार कार्ड, मोबाइल नंबर और शहर का नाम प्रदान करना होगा।
इन नियमों का पालन करते हुए दर्शनार्थी श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में आते हैं और अपने दर्शन का आनंद लेते हैं। यह सुनिश्चित करने के लिए कि यह आयोजन शांतिपूर्ण रहे और लोगों की सुरक्षा हो, पुलिस ने उपायों को बढ़ावा दिया है।