रांची के जमीन घोटाले में नवंबर के शुरुआती दिनों में हुए खोलासे के बाद, शुक्रवार को बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार में ईडी ने छापेमारी की। इस छापेमारी का मुख्य उद्देश्य राजनीतिक गवाहों के साक्ष्यों को नष्ट करने और जवाबी कदमों को प्रभावित करने के आरोपों की जांच थी।
जेल से ही साजिश की जा रही थी ईडी के अफसरों के खिलाफ। ईडी को मिली सूचना के अनुसार, जेल में रह रहे आरोपी अमित अग्रवाल और प्रेम प्रकाश का संपर्क बाहरी लोगों से था और उनके साथ मिलकर साजिश रची जा रही थी। ईडी ने कारागार में छापेमारी करते हुए कई सबूत जुटाए हैं और जांच जारी है। जमीन घोटाला मामले में सस्पेंडेड आईएएस छवि रंजन , बिजनेसमैन अमित अग्रवाल, और पावर ब्रोकर प्रेम प्रकाश जैसे कई आरोपी जेल में बंद हैं। छापेमारी के पीछे का मुख्य कारण था राजनीतिक गवाहों के साक्ष्यों को हानि पहुंचाने की कोशिश और जवाबी कदमों को प्रभावित करने की चालाकी।
इसके बावजूद, ईडी ने यह सुनिश्चित करने के लिए छापेमारी की वहीं, मामले में बीते वर्ष दिसंबर में ED ने 1000 करोड़ की मनी लांड्रिंग के किंगपिन पंकज मिश्र की सहायता करने के मामले में भी जेल सुपरिंटेंडेंट से पूछताछ की थी. पंकज मिश्रा जेल में रहते हुए भी करीब 300 से अधिक फोन कॉल्स किए थे |
इसके अलावा, ईडी ने पिछले जून महीने में जेल में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपी की मदद करने के मामले में भी छापेमारी की थी, जिसमें जेल सुपरिंटेंडेंट से पूछताछ हुई थी। इस संदर्भ में, ईडी की टीम ने जेल का सीसीटीवी फुटेज भी जब्त किया है, जिससे कि छापेमारी की जांच में उचित बनी रहे। यह सूचना प्रमुख मंत्री एंड सिविल सर्जन द्वारा स्वीकृत हो रही है।
इस दौरान ईडी ने बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार में छापेमारी करके विभिन्न सुबूतों को संकलित किया है, जिससे जवाबी कदमों की जांच में सहारा मिल सके। रांची जमीन घोटाले मामले में हो रही जांच की चर्चा चल रही है, और लोग उम्मीद कर रहे हैं कि सच्चाई सामने आएगी और जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।