राफा में इजरायली हमलों में 45 लोगों की मौत होने के बाद दुनियाभर में इजरायल की इस कार्रवाई की आलोचना हो रही है। हालाँकि, अमेरिका अभी भी इजरायल के साथ मजबूती से खड़ा है और उसका कहना है कि इन हमलों ने अभी तक यूएस की रेड लाइन को पार नहीं किया है। व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने स्पष्ट किया कि अमेरिका को नहीं लगता कि इजरायल ने दक्षिणी गाजा में राफा पर पूर्ण पैमाने पर आक्रमण किया है।
अमेरिकी दृष्टिकोण

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने पहले कहा था कि राफा में पूर्ण पैमाने पर आक्रमण, जहाँ सैकड़ों हजारों नागरिकों के शरण लेने का अनुमान है, एक रेड लाइन को पार कर जाएगा। जॉन किर्बी ने इजरायली सेना द्वारा शहर के केंद्र में पहुंचने और मिस्र के साथ निकटवर्ती सीमा पर एक रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण पहाड़ी पर कब्जा करने के कुछ घंटों बाद यह बयान दिया। किर्बी ने कहा कि अमेरिका को नहीं लगता कि इजरायल ने दक्षिणी गाजा में राफा पर पूर्ण पैमाने पर आक्रमण किया है।
इजरायली हमले और हताहत

रविवार को इजरायली हमले में 45 फिलिस्तीनियों की मौत हो गई। इस हमले के बाद विस्थापित लोगों के लिए एक टेंट कैंप में आग लग गई थी। इजरायल ने कहा है कि आग का कारण संभवतः हमास द्वारा आसपास में रखे गए हथियारों में विस्फोट होना है। जॉन किर्बी ने हमले की तस्वीरों को दिल दहला देने वाली और भयावह बताया और कहा कि इस संघर्ष के परिणामस्वरूप किसी भी निर्दोष की जान नहीं जानी चाहिए।
इजरायली प्रतिक्रिया और कार्रवाई

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने रविवार को हुए हमले को ‘दुखद दुर्घटना’ बताया है और राफा अभियान जारी रखने का संकल्प लिया है। इजरायली सेना ने कहा है कि हमले में हमास के दो वरिष्ठ अधिकारी मारे गए। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, राफा के अल-अवदा गोल चक्कर पर इजरायली टैंक तैनात थे, जिसे एक महत्वपूर्ण स्थल माना जाता है। निवासियों ने बताया कि शहर के पश्चिमी इलाकों में भारी बमबारी हुई।
वैश्विक आलोचना और प्रदर्शन

दुनियाभर में इजरायली हमलों की आलोचना हो रही है। फ्रांस के संयुक्त राष्ट्र राजदूत निकोलस डी रिविएर ने राफा में युद्ध की और बढ़ोतरी न होने की बात कही। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से गाजा में युद्ध के बारे में कार्रवाई करने और एक नया प्रस्ताव अपनाने की मांग की। यूरोप के कई शहरों में भी घातक हमले के विरोध में प्रदर्शन हुए, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने सड़क पर उतर कर अपना विरोध जताया।
अमेरिका की नीति और इजरायल का समर्थन
किर्बी ने स्वीकार किया कि इजरायल घटना की जांच कर रहा है और कहा कि राफा में हाल की घटनाओं के बाद कोई नीतिगत बदलाव नहीं हुआ है जिसके बारे में बात करनी है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अमेरिका को नहीं लगता कि कोई बड़ा जमीनी अभियान जरूरी है और उन्होंने ऐसा नहीं देखा है। जब उनसे पूछा गया कि मौजूदा अभियान पूर्ण पैमाने पर आक्रमण की परिभाषा को क्यों नहीं पूरा करता, तो किर्बी ने ज़ोर देकर कहा कि राष्ट्रपति कोई कदम नहीं उठा रहे हैं।
राफा में इजरायली हमलों के बाद दुनियाभर में इजरायल की आलोचना हो रही है, लेकिन अमेरिका अभी भी इजरायल के साथ खड़ा है। व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा कि अमेरिका को नहीं लगता कि इजरायल ने रेड लाइन पार की है। इस बीच, दुनियाभर में इजरायली हमलों के खिलाफ प्रदर्शन और आलोचना जारी है। यह स्पष्ट है कि इस संघर्ष ने वैश्विक स्तर पर एक बड़ी बहस छेड़ दी है और इस पर विभिन्न देशों की प्रतिक्रियाएँ भी अलग-अलग हैं।