रूस में फंसे भारतीय नागरिकों के मामले में हाल ही में बड़ा खुलासा हुआ है। इन भारतीयों के जाल में फंसने के पीछे रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते कई संदेहजनक आरोप हैं। भारतीय दूतावास ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और रूसी अधिकारियों को भारतीय नागरिकों को सुरक्षित और स्वदेश ले आने के लिए दबाव डाला है।
कई भारतीय नागरिकों ने रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण सेना में सहायक के पद पर अनुबंधित कार्य करने के लिए रूस में नौकरी की खोज की थी। हालांकि, उनके संदेह के बावजूद, इन्हें अब युद्ध क्षेत्र में भेज दिया गया है, जिससे उनकी जिंदगी को खतरा हो गया है। रूस में फंसे इन भारतीयों ने अपने संदेह का इजहार किया और भारतीय दूतावास से मदद की गुहार लगाई।
भारतीय दूतावास के संपर्क में आने के बाद, संदिग्ध मामले की जांच शुरू की गई और अब तक कई भारतीयों को सुरक्षित और स्वदेश ले आया गया है। यह प्रक्रिया लंबी और जटिल हो सकती है, लेकिन भारत सरकार ने इन भारतीयों की सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए हैं।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि भारत सरकार ने रूस के अधिकारियों पर ‘बहुत कड़ा’ दबाव डाला है ताकि वे फंसे भारतीय नागरिकों को तुरंत सुरक्षित और स्वदेश ले आ सकें। भारतीय संदूष्यों को खतरे में न डालने के लिए, भारत सरकार ने उनके संदेह को सीरियसली लिया है और अब तक सात भारतीयों को छुड़ाया गया है।
रूस में फंसे भारतीय नागरिकों के मामले में एक सख्त दृष्टिकोण अपनाने के साथ-साथ, भारत सरकार ने अपने नागरिकों को युद्ध क्षेत्र में जाने से रोकने के लिए भी कदम उठाए हैं। इस घटना से भारत की गुंजाइश दिखती है कि वह अपने नागरिकों की सुरक्षा को लेकर किसी भी स्थिति में कड़े पक्षपात का खिलाफ है और उनकी सुरक्षा के लिए हर संभव प्रयास करेगी।