रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का एक महत्वपूर्ण यात्रा के दौरान चीन ने स्वागत किया है, जहां उन्हें बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव फोरम के कार्यक्रम में भाग लेने का मौका मिला है। यह उनकी पहली विदेश यात्रा है जो उन्होंने अंतरराष्ट्रीय कोर्ट द्वारा जारी वारंट के बावजूद की है। पुतिन चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मिलकर इस यात्रा के दौरान विभिन्न वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करेंगे, जिसमें इजराइल-हमास संघर्ष भी शामिल हो सकता है।
पुतिन ने इस यात्रा को स्वीकार करने के बावजूद यह बताया है कि उनकी सुरक्षा की पूरी गारंटी है और वह केवल उन देशों की यात्रा करेंगे जहां उनकी सुरक्षा सुनिश्चित हो। इस समय, यूक्रेन के साथ हो रहे युद्ध के बीच, पुतिन की यह यात्रा उत्सुकता और उनके राजनीतिक संबंधों की मजबूती को दर्शाती है।
इस समय की चीन यात्रा पर जाने के बाद, पुतिन और शी जिनपिंग के बीच कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की जा सकती है, जैसे कि इजराइल-हमास संघर्ष, दक्षिण चीन सागर, और अन्य राष्ट्रीय मुद्दे। इस दौरान, चीन ने बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव फोरम के लिए 130 देशों के प्रतिनिधियों का स्वागत किया है, और यह उम्मीद कर रहा है कि इससे उसकी अंतरराष्ट्रीय स्थिति में सुधार होगा।
इस यात्रा के बारे में सूत्रों के मुताबिक, रूसी राष्ट्रपति और चीन के राष्ट्रपति के बीच इस मुलाकात के दौरान रूस-चीन संबंधों को मजबूत करने और भारत, अमेरिका, और पश्चिमी दुनिया की चुनौतियों पर साझा मुद्दों पर चर्चा हो सकती है। यह यात्रा विशेषकर उस समय के दौरान है जब रूस और चीन के बीच के संबंध बढ़ रहे हैं, और यूक्रेन और पश्चिमी दुनिया के साथ तनाव बना हुआ है।
इस यात्रा के माध्यम से, चीन ने पुतिन के स्वागत में खास तैयारियां की है और इसे एक और एक मुखी साथी के रूप में स्वीकार किया है। रूस के राष्ट्रपति की इस यात्रा के बाद, अमेरिका और पश्चिमी देशों की नजरें इस संबंध की और बढ़ाएगी, क्योंकि इसके परिणामस्वरूप रूस-चीन संबंधों का गहरा होना दुनिया की राजनीतिक गतिविधियों को प्रभावित कर सकता है।