बिहार :नालंदा : हमारे बिहार में मुख्यमंत्री जी या उपमुख्यमंत्री जी हो वे जनता के लिए भले ही लाखो करोड़ो खर्च किये हो लेकिन कर्मी की लापरवाही तो सरकार को नाक में दम कर रखी है |
हमारे स्वास्थ मंत्री के रूप में तेजस्वी यादव जब शुरुआत समय में पदभार ग्रहण किये थे तो उसी समय मध्य रात्रि में PMCH पटना का निरीक्षण कर कहे थे की किसी भी तरह की लापरवाही वर्दाश्त नहीं किया जायेगा और वे उस दौरान कई कर्मी को फटकार लगते दिखे थे और अब तो कई माह से सवस्थ विभाग में कुछ भी लापरवाही करे कोई कुछ बोलने से भी परहेज करते रहते है इसी क्रम में अब मुख्यमंत्री गृह जिला नालंदा के बिहारशरीफ सदर अस्पताल के कर्मी की लापरवाही साफ दिख रही है जहाँ बिहारशरीफ सदर अस्पताल में करोड़ों रुपये के खर्च के बाद भी मरीजों के लिए उचित व्यवस्थाओं का अभाव है।

मंगलवार को सदर अस्पताल में स्वास्थ्यकर्मियों ने एक मरीज को व्हील चेयर की जगह चक्के युक्त साधारण कुर्सी से वार्ड की ओर ले जाते दिखे।इस दौरान वहां पर मौजूद पत्रकारों ने इस कमजोर व्यवस्था का वीडियो बनाना शुरू किया। इस बात से नाराज होकर एक चिकित्सक ने पत्रकारों पर अवैध वसूली व बिजनेस करने का गंभीर आरोप लगाया।
चिकित्सक ने पत्रकारों से वीडियो डिलीट करने को कहा। पत्रकारों ने चिकित्सक के आरोपों का खंडन किया और कहा कि वे केवल अपने कर्तव्य का पालन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सदर अस्पताल में मरीजों के लिए उचित व्यवस्थाएं नहीं हैं। इस कारण मरीजों को परेशानी हो रही है। पत्रकारों की बात सुनकर चिकित्सक और पत्रकारों में बहस शुरू हो गई।
बहस इतनी बढ़ गई कि अस्पताल प्रशासन को बीच-बचाव करना पड़ा। इस घटना से सदर अस्पताल की व्यवस्थाओं की पोल खुल गई है। सवाल उठ रहा है कि करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी अस्पताल में मरीजों के लिए उचित व्यवस्थाएं क्यों नहीं हैं?