लोकसभा चुनाव 2024 के पांचवें चरण की वोटिंग के बाद बिहार के सारण जिले में छपरा के भिखारी ठाकुर चौक पर भयंकर हिंसा का दृश्य देखने को मिला। इस हिंसा के दौरान दो गुटों के बीच गोलियां चलीं, जिसमें एक राजद कार्यकर्ता की मौत हो गई और दो लोग घायल हो गए। इस घटना का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें लोग खुलेआम रायफल और पिस्टल से फायरिंग करते नजर आ रहे हैं।
घटना का विवरण
यह घटना 20 मई को उस समय घटी, जब चुनावी प्रक्रिया समाप्त हो चुकी थी। छपरा के भिखारी ठाकुर चौक पर दो गुटों के बीच हुई झड़प में स्थिति इतनी बिगड़ गई कि गोलियां चलने लगीं। इस हिंसा में एक राजद कार्यकर्ता की जान चली गई, जबकि दो अन्य लोग घायल हो गए। लालू यादव की बेटी और सारण सीट से प्रत्याशी रोहिणी आचार्य के पोलिंग बूथ पर पहुंचने के बाद यह हिंसा भड़की थी। उनके आगमन के बाद से ही क्षेत्र में तनाव का माहौल बन गया था।
फायरिंग का वीडियो
छपरा गोलीकांड का वीडियो जो सामने आया है, वह भिखारी ठाकुर चौक का है। इस वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि लोग रायफल और पिस्टल से गोलियां चला रहे हैं। यह वीडियो उस चौक का है, जहां बीजेपी नेता रमाकांत सोलंकी के घर के पास फायरिंग हो रही थी। वीडियो में दिख रही हरे रंग की बिल्डिंग भी सोलंकी परिवार की बताई जा रही है। इस वीडियो ने पूरे मामले को और गंभीर बना दिया है, क्योंकि यह स्पष्ट रूप से हिंसा और उपद्रव को दर्शा रहा है।
पुलिस की कार्रवाई
इस वीडियो और अन्य साक्ष्यों के आधार पर पुलिस ने रमाकांत सोलंकी और उसके भाई रविकांत को गिरफ्तार किया है। पुलिस को घटना स्थल के आसपास के सीसीटीवी फुटेज भी मिले हैं, जो इस हिंसा के पीछे के दोषियों को पहचानने में मददगार साबित हुए हैं। अब तक पुलिस ने इस मामले में 12 नामजद और 50 अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। इन गिरफ्तारियों के बाद पुलिस मामले की तह तक जाने की कोशिश कर रही है और अन्य दोषियों की तलाश जारी है।
रोहिणी आचार्य पर भी केस दर्ज
इस पूरे घटनाक्रम के दौरान रोहिणी आचार्य पर भी आरोप लगे हैं। वोटिंग के दिन रोहिणी दो बार भिखारी ठाकुर चौक पोलिंग बूथ पर पहुंची थीं। चश्मदीदों के मुताबिक, दूसरी बार रोहिणी के पहुंचने पर बीजेपी समर्थकों ने नाराजगी जताई और नारेबाजी शुरू कर दी। इस दौरान रोहिणी पर बीजेपी समर्थकों को डराने-धमकाने और वोटिंग को प्रभावित करने के आरोप लगे। रोहिणी के खिलाफ छपरा नगर थाना में धारा 307, 171C, 188, ROP Act के तहत केस दर्ज हुआ है। ये सभी धाराएं गैर जमानती हैं, जिससे रोहिणी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
घटनास्थल पर तनाव
इस हिंसा के बाद क्षेत्र में तनाव का माहौल है। दोनों पक्षों के समर्थकों के बीच बढ़ते तनाव के चलते स्थिति और भी गंभीर हो गई है। चुनाव के बाद की इस हिंसा ने पूरे क्षेत्र को हिला कर रख दिया है और लोग इस घटना से डरे हुए हैं। पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा बढ़ा दी है और इलाके में शांति बनाए रखने के लिए प्रयासरत है।
छपरा गोलीकांड ने बिहार में चुनावी हिंसा की एक और कड़ी जोड़ दी है। इस घटना ने चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। राकेश टिकैत और अन्य किसान नेताओं की अपील के बावजूद, हिंसा और गोलाबारी की घटनाएं लोकतंत्र के लिए खतरा बनती जा रही हैं। इस घटना का वीडियो सामने आने के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की है, लेकिन इस मामले को सुलझाने में अभी और समय लगेगा।
ऐसे में यह जरूरी है कि सभी राजनीतिक दल और उनके समर्थक संयम बरतें और चुनावी प्रक्रिया को शांति और सौहार्द्रपूर्ण माहौल में पूरा होने दें। लोकतंत्र की सफलता के लिए यह आवश्यक है कि चुनाव बिना किसी हिंसा और विवाद के संपन्न हो और मतदाताओं की आवाज सुनी जाए। छपरा की यह घटना हमें यह याद दिलाती है कि लोकतंत्र को मजबूत बनाए रखने के लिए सभी को मिलकर प्रयास करना होगा।