संसद (Parliament) के विशेष सत्र से पहले विपक्षी दल लगातार केंद्र सरकार की मंशा पर सवाल उठा रहे हैं. संसद (Parliament) का विशेष सत्र (Special Session) आज (सोमवार को)18सितम्बर से शुरू होने जा रहा है.आज पहले दिन विशेष सत्र की कार्यवाही पुराने संसद भवन (Old Parliament Building) में शुरू होगी. कल यानी गणेश चतुर्थी से विशेष सत्र नए संसद भवन में शिफ्ट होगा.विशेष सत्र में 4 विधेयकों की चर्चा होगी, जिसमें मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति से जुड़ा विधेयक भी शामिल है। इसके अलावा, महिला आरक्षण विधेयक पर भी विपक्ष की मांग है, जो सरकार द्वारा तय समय पर फैसला किया जाने की आशंका है।
सरकार की तरफ से 4 बिल लिस्टेड हैं लेकिन विपक्ष को लगता है कि पर्दे के पीछे हकीकत कुछ और है. संसद के 5 दिन के विशेष सत्र में आज पहले दिन संविधान सभा से लेकर आज तक पुराने संसद भवन की 75 वर्षों की यात्रा, उपलब्धियां, अनुभव, स्मृति और सीख पर चर्चा होगी.मंगलवार यानि गणेश चतुर्थी के दिन को आखिरी बार संसद के पुराने भवन में संसद की कार्यवाही चलेगी. 19 सितंबर को पुराने संसद भवन में मौजूदा सांसदों का फोटो सेशन होगा इसके बाद सेंट्रल हॉल में एक समारोह आयोजन होगा फिर संसद नई बिल्डिंग में प्रवेश कर जाएगी.
विशेष सत्र में 4 बिल सूचीबद्ध हैं, जिसमें मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति से जुड़ा विधेयक शामिल है. सत्र में रणनीति तय करने के लिए विपक्षी गठबंधन की सुबह 10 बजे बैठक होने वाली है. सर्वदलीय बैठक में सरकार के सहयोगी पार्टियां भी महिला आरक्षण विधेयक पास कराने की मांग कर रही हैं. सरकार का कहना है कि फैसला सही वक्त पर होगा.
विपक्षी पार्टियां विशेष सत्र में महिला आरक्षण बिल को पारित करवाने की मांग कर रही हैं. सरकार को चाहिए कि इस पर सही वक्त पर फैसला किया जाए. संसद के विशेष सत्र से पहले विपक्ष की बैठक होगी, जिसमें सदन की कार्यवाही को लेकर आगे की रणनीति पर चर्चा की जाएगी.
इस विशेष सत्र में विपक्ष और सरकार के बीच की बहस अत्यंत महत्वपूर्ण है और इससे देश के राजनीतिक और सामाजिक मामलों पर प्रभाव पड़ सकता है। विपक्ष और सरकार के बीच इस मुद्दे पर सहमति प्राप्त करने के बारे में विवाद जारी हो सकता है, और इसका परिणाम बीते सत्र के तुलना में नकारात्मक भावनाओं का हो सकता है।