रिलायंस जियो के बड़े कदम के तहत, जल्द ही भारत में सैटेलाइट-आधारित गीगाबिट फाइबर सेवाएं लॉन्च हो सकती हैं। IN-SPACe से मिलने वाली मंजूरी के बाद, रिलायंस जियो को सैटेलाइट ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी की पहुंच मिलेगी, जिससे दूरस्थ और ग्रामीण क्षेत्रों में भी इंटरनेट सेवाएं पहुंचा सकें।

जियो ने SES कंपनी के साथ जॉइंट वेंचर के अंतर्गत सैटेलाइट-आधारित गीगाबिट फाइबर सेवाएं लॉन्च करने का निर्णय लिया है। यह विकसित सेवाएं देशभर में इंटरनेट कनेक्टिविटी को मजबूत करेंगी और सीमित या निष्क्रिय क्षेत्रों में भी इंटरनेट पहुंचाएंगी।
रिलायंस जियो ने सभी आवश्यक दस्तावेज IN-SPACe को प्रस्तुत कर दिए हैं और मंजूरी का इंतजार कर रहे हैं। IN-SPACe की मंजूरी के बाद, यह टेलीकॉम कंपनी सैटेलाइट-आधारित गीगाबिट फाइबर सेवाओं को शुरू कर सकती है।

भारतीय स्पेस इकॉनमी में एक और महत्वपूर्ण कदम के रूप में, IN-SPACe ने अनुमान लगाया है कि देश की स्पेस इकॉनमी 2033 तक 44 अरब डॉलर तक पहुंच सकती है। इससे भारत वैश्विक स्तर पर इस क्षेत्र में अपनी हिस्सेदारी को बढ़ा सकता है।

जियो के साथी कंपनी SES के साथ की गई जॉइंट वेंचर के माध्यम से रिलायंस जियो को सैटेलाइट के माध्यम से ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी प्रदान करने का मौका मिलेगा। यह सेवाएं दूरस्थ क्षेत्रों में इंटरनेट पहुंचाने के लिए एक सुदृढ़ प्लेटफॉर्म प्रदान करेंगी और ग्रामीण क्षेत्रों में भी इंटरनेट सेवाएं पहुंचाएंगी।