बिहार के किशनगंज जिले में हाल ही में एक मिड-डे मील योजना के नाम पर एक विवाद उठा है, जिसमें जन चेतना जागृति एवं शैक्षणिक विकास मंच नामक एनजीओ के माध्यम से घटिया और बासी भोजन का वितरण किया जा रहा है। इसके परिणामस्वरूप, कई स्कूलों ने भोजन लेने से मना किया और इस पर मिड-डे मील के कर्मचारी उस भोजन को सड़क पर फेंककर चले गए।
वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें दिखाया जा रहा है कि एनजीओ कर्मचारी बच्चों के लिए बेलवा गांव के पास सड़क किनारे भोजन को फेंक रहे हैं। ग्रामीणों ने इस मामले की जानकारी शिक्षा विभाग के अधिकारियों को दी है और जिला शिक्षा पदाधिकारी सुभाष कुमार गुप्ता ने मामले की जांच का आदेश दिया है।
ग्रामीणों का कहना है कि एनजीओ द्वारा स्कूली बच्चों के लिए बासी भोजन दिया जा रहा था, जो कि घटिया क्वालिटी और कीड़े-मकोड़े से भरा हुआ था। स्कूल ने इस भोजन को नहीं लेने का इंकार किया, जिस पर मिड-डे मील के कर्मचारी ने भोजन को सड़क पर फेंक कर चले गए।
बच्चों के अभिभावकों ने कहा कि इस तरह का भोजन बच्चों की सेहत के साथ खिलवार कर रहा है और इसके कारण बच्चे अक्सर बीमार पड़ जाते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि बच्चों को घर से ही खाना भेजा जाता है ताकि उनकी सेहत पर कोई नकारात्मक प्रभाव ना पड़े।
एनजीओ के संचालक हर्ष कुमार से जांच के सवालों का सामना करते हुए उन्होंने कैमरा देखते ही भाग लिया। इस पर जिला शिक्षा पदाधिकारी ने बताया कि जांच रिपोर्ट मिलते ही कार्रवाई की जाएगी और उपयुक्त कारगर कदम उठाए जाएंगे।