किसान अपनी मांगों को लेकर अपनी जिद पर अड़े हुए हैं। इस बीच खबर ये है कि किसान आंदोलन के दौरान शंभू बॉर्डर पर तैनात एक सब इंस्पेक्टर और पंजाब के एक किसान की मौत हो गई है। दोनों की मौत हार्ट अटैक से हुई है।
अपनी अलग-अलग मांगों को लेकर किसान लोग सड़क पर उतर गए हैं और पिछले कई दिनों से लगातार आंदोलन कर रहे हैं। अपनी जिद पर अड़े किसानों का आंदोलन बिते कल यानि शुक्रवार को भी जारी रहा, वहीं इस दिन दो लोगों की मौत हो घई है। पहली मौत शंभू बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे एक किसान की हो गई तो वहीं किसानों को दिल्ली जाने से रोकने के लिए तैनात हरियाणा पुलिस के एक (SI) सब इंस्पेक्टर की भी बिते कल यानि शुक्रवार को मौत हो गई। दोनों की मृत्यु का कारण हार्ट अटैक बताया जा रहा है। दो लोगो के मौत के बाद बॉर्डर पर फिर से तनाव बढ़ गया है। शुक्रवार को बैरिकेड्स की ओर बढ़ रहे किसानों पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले बरसाए, जिसमें कई लोग घायल हो गए हैं।
किसानों ने लगाया आरोप
आंदोलन कर रहे पंजाब के किसान लोगो ने आरोप लगाया है कि हरियाणा पुलिस के आंसू गैस के गोले दागने से लोगों की स्वास्थ्य बिगड़ रही है और इसी वजह से 2 लोगों की मौत हुई हैं। किसान की मौत के बाद शुक्रवार को एकबार फिर शंभू बॉर्डर पर टकराव देखने को मिला। बैरिकेडिंग के पास आए प्रदर्शनकारियों को पीछे धकेलने के लिए पुलिस ने फिर आंसू गैस के गोलों का प्रयोग किया। इससे मची अफरा-तफरी में कई किसान घायल हो गए हैं।
सब इंस्पेक्टर की मौत हार्ट अटैक से हुई
जिस सब इंस्पेक्टर की ड्यूटी के दौरान मोत हुई है वे सोनीपत के खरखौदा गांव के रहने वाले थे, उनका नाम हीरालाल था और उनकी उम्र 57 वर्ष थी। वे जीआरपी में सब इंस्पेक्टर थे। उनकी समालखा जीआरपी चौकी में ही ड्यूटी थी। किसान आंदोलन के चलते 11 फरवरी को उनकी ड्यूटी शंभू बॉर्डर पर लगाई गई थी। अंबाला पुलिस प्रवक्ता के अनुसार 13 फरवरी को हार्ट अटैक आने के बाद हीरालाल कोमा में चले गए थे। तब से उनका इलाज अंबाला छावनी के नागरिक अस्पताल में चल रहा था। शुक्रवार सुबह उनकी मौत हो गई। चिकित्सकों ने मौत का कारण हर्ट अटैक बताया है। हालांकि जांच के लिए बिसरा लैब में भेज दिया गया है।
पंजाब के किसान की मौत
दूसरी ओर, शंभू बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन में पहुंचे बटाला (गुरदासपुर) के एक किसान ज्ञान सिंह (70) की शुक्रवार को हार्ट अटैक से मौत हो गई है। किसान ने सरकारी राजिंदरा अस्पताल में दम तोड़ा। किसान नेताओं ने आरोप लगाया कि आंसू गैस के गोले के धुएं के कारण उनकी तबीयत खराब हुई थी। तबीयत खराब होने के बाद पहले किसान को निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां से राजिंदरा अस्पताल रेफर किया गया। जानकारी के अनुसार ज्ञान सिंह के संतान नहीं है और उनकी पत्नी की भी कुछ समय पहले ही मौत हो चुकी है। वर्तमान में वह अपने भाई के साथ रह रहे थे।
यूपी सरकार ने लगाई एस्मा पर पाबंदी
देश में चल रहे किसान आंदोलन के बीच यूपी सरकार ने 6 महीना के लिए एस्मा (हड़ताल पर पाबंदी) लगा दिया है। अपर मुख्य सचिव कार्मिक डॉ. देवेश चतुर्वेदी ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है। अधिसूचना के मुताबिक, लोक हित में ऐसा करना आवश्यक है। सरकारी विभागों, राज्य सरकार के अधीन सभी निगमों और प्राधिकरणों पर भी यह नियम लागू होगा।