हिलसा के प्राचीन माता महाकाली मंदिर में शारदीय नवरात्र के अवसर पर एक अद्भुत पूजा समारोह हुआ। इस धार्मिक आयोजन में रविवार को वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ कलश स्थापना की गई और मां दुर्गा के प्रथम रूप, शैलपुत्री, की आराधना की गई। मौके पर शामिल हुए नालंदा के सांसद कौशलेंद्र कुमार, हिलसा विधायक कृष्ण मुरारी शरण (प्रेम मुखिया के नाम से भी जाने जाते हैं) और हिलसा नगर परिषद के मुख्य पार्षद धनजय कुमार ने कलश स्थापना पूजा समारोह में भाग लेकर मां की आराधना की।
काली मन्दिर के संरक्षक सुरेंद्र प्रसाद ने बताया कि इस मंदिर में भक्ति और श्रद्धाभाव से किया गया पूजन सच्ची मनोकामनाओं को पूरा करने में सफल होता है। शारदीय नवरात्र के पहले दिन, शहर के प्रमुख मंदिरों में सुमार काली मंदिर, बड़ी दुर्गा स्थान, तेलिया दुर्गा, और सूर्य मंदिर परिषर में कलश स्थापना की गई। नवरात्र के इस पावन मौके पर, सभी तरफ एक धार्मिक और आध्यात्मिक ऊर्जा का महौल है।
भक्तों की भीड़ में मां दुर्गा की जयकारे और भक्ति रस की धारें बह रही हैं। इस अद्वितीय पर्व के साथ, सुख और समृद्धि की कामना करते हुए, लोग मां शेरावाली की आराधना में करते हैं। काली मन्दिर के संरक्षक सुरेंद्र प्रसाद ने माँ के नौ रूप के बारे में बताया की माँ का पहला स्वरूप शैलपुत्री, दूसरी ब्रह्मचारिणी, तीसरी चंद्रघंटा, चौथी कूष्मांडा, पांचवी स्कंध माता, छठी कात्यायिनी, सातवीं कालरात्रि, आठवीं महागौरी और नौवीं सिद्धिदात्री। ये मां दुर्गा के नौ रुप हैं