बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद बने नए राजनीतिक परिदृश्य में, छात्र आंदोलन से उभरे दो प्रमुख नेता अब अंतरिम सरकार में महत्वपूर्ण मंत्री पदों पर काबिज हो गए हैं। इस घटनाक्रम ने न केवल बांग्लादेश की राजनीति में एक नया मोड़ दिया है, बल्कि दुनिया भर के राजनीतिक विश्लेषकों का ध्यान भी खींचा है।
मोहम्मद यूनुस: अंतरिम सरकार के प्रमुख
बांग्लादेश में लंबे समय से चल रहे विरोध प्रदर्शनों और असंतोष के बीच, शेख हसीना की सरकार को अंततः सत्ता से हटना पड़ा। इसके बाद, नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस को अंतरिम सरकार का प्रमुख नियुक्त किया गया। यूनुस, जो 84 वर्ष के हैं, ने गुरुवार को अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में शपथ ली और शेख हसीना की जगह ली। यूनुस ने सत्ता में आने के बाद 27 मंत्रालयों का प्रभार अपने पास रखा, जिसमें रक्षा, लोक प्रशासन, शिक्षा, ऊर्जा, खाद्य, जल संसाधन और सूचना मंत्रालय शामिल हैं।
छात्र आंदोलन से सत्ता तक का सफर
बांग्लादेश की राजनीति में इस बदलाव का कारण बने छात्र आंदोलन ने पूरे देश में हलचल मचा दी थी। यह आंदोलन सरकारी नौकरियों में विवादास्पद आरक्षण प्रणाली के खिलाफ था, जिसे “स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन” के बैनर तले शुरू किया गया था। इस आंदोलन ने न केवल छात्रों, बल्कि आम जनता का भी व्यापक समर्थन हासिल किया, जिससे शेख हसीना सरकार को भारी दबाव का सामना करना पड़ा।
इस आंदोलन के दो प्रमुख नेता, एम नाहिद इस्लाम और आसिफ महमूद, अब बांग्लादेश की अंतरिम सरकार में मंत्री बने हैं। नाहिद इस्लाम को दूरसंचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय का प्रभार दिया गया है, जबकि आसिफ महमूद को युवा एवं खेल मंत्रालय का कार्यभार सौंपा गया है। यह नियुक्ति छात्र आंदोलन के महत्व और प्रभाव को स्पष्ट रूप से दर्शाती है।
नाहिद इस्लाम: छात्र आंदोलन का प्रमुख चेहरा
नाहिद इस्लाम, जो छात्र अधिकार परिषद के अलग हुए सदस्यों द्वारा गठित गणोतांत्रिक छात्र शक्ति के सदस्य सचिव भी हैं, छात्र आंदोलन के प्रमुख चेहरों में से एक रहे हैं। नाहिद ने 2018 में कोटा-सुधार विरोध प्रदर्शन में भाग लिया था, जिसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। इस दौरान उन्हें विश्वविद्यालय प्रशासन और शिक्षकों से धमकियां मिलीं, लेकिन उन्होंने अपने आंदोलन को जारी रखा।
पिछले महीने, नाहिद को कथित तौर पर कानूनी एजेंसियों ने उठाया और तब तक प्रताड़ित किया, जब तक कि वे बेहोश नहीं हो गए। जब छात्र विरोध चरम पर था, तो उन्हें पांच अन्य प्रदर्शनकारियों के साथ पुलिस की जासूसी शाखा ने फिर से हिरासत में ले लिया। इस कठिन दौर के बावजूद, नाहिद ने अपनी लड़ाई जारी रखी और अंततः आज वे बांग्लादेश की अंतरिम सरकार में एक महत्वपूर्ण मंत्री बने हैं।
आसिफ महमूद: कोटा सुधार विरोध से सरकार विरोधी आंदोलन तक
आसिफ महमूद, जो शोजिब भुइयां के साथ कोटा सुधार विरोध के समन्वयकों में से एक थे, अब बांग्लादेश की अंतरिम सरकार में युवा एवं खेल मंत्री बने हैं। 2018 में कोटा सुधार विरोध के दौरान आसिफ महमूद ने सक्रिय भूमिका निभाई थी। यह आंदोलन बाद में सरकार विरोधी आंदोलन में बदल गया, जिसने अंततः शेख हसीना सरकार को सत्ता से बेदखल कर दिया। आसिफ महमूद को 2023 में छात्र अधिकार परिषद के पहले सम्मेलन में अध्यक्ष चुना गया था। उनकी नेतृत्व क्षमता और आंदोलनकारी सोच ने उन्हें अंतरिम सरकार में महत्वपूर्ण स्थान दिलाया है।
अंतरिम सरकार की चुनौतियां और भविष्य की दिशा
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस और उनके मंत्रिमंडल के सामने कई चुनौतियां हैं। सबसे बड़ी चुनौती है देश में राजनीतिक स्थिरता बनाए रखना और आगामी चुनावों के लिए एक निष्पक्ष और पारदर्शी माहौल तैयार करना। इसके अलावा, उन्हें आर्थिक सुधारों, शिक्षा और रोजगार के अवसरों को बढ़ाने के लिए भी कार्य करना होगा।
बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन का यह नया अध्याय छात्र आंदोलन से जुड़े नेताओं के उदय को दर्शाता है। एम नाहिद इस्लाम और आसिफ महमूद जैसे युवा नेताओं का सरकार में शामिल होना एक सकारात्मक संकेत है कि देश में लोकतंत्र और जनाधिकारों के लिए एक नई दिशा स्थापित हो रही है। यह देखना दिलचस्प होगा कि ये युवा नेता किस प्रकार अपने मंत्रालयों को संभालते हैं और बांग्लादेश को एक नई दिशा में ले जाने में सफल होते हैं।
बांग्लादेश की राजनीति में यह बदलाव सिर्फ एक सत्ता परिवर्तन नहीं, बल्कि एक नई सोच, नई दिशा और एक नई उम्मीद की किरण है, जो देश को प्रगति और समृद्धि की ओर ले जाने का वादा करती है।