हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश ने भयंकर तबाही मचाई है। राज्य के शिमला और कुल्लू जिलों में बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं ने कई लोगों की जान ले ली है और सैकड़ों को बेघर कर दिया है। बारिश के बाद आई बाढ़ ने कई गांवों को अपनी चपेट में ले लिया, जिससे सैकड़ों घर बह गए।
बाढ़ और भूस्खलन से मची तबाही
शिमला और कुल्लू में बादल फटने से 6 लोगों की मौत हो गई है और 53 लोग अभी भी लापता हैं। राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग के विशेष सचिव डीसी राणा के अनुसार, शिमला के समेज क्षेत्र, रामपुर क्षेत्र, कुल्लू के बाघीपुल क्षेत्र और मंडी के पद्दार क्षेत्र में भारी बारिश और बादल फटने से व्यापक तबाही हुई है। 60 से अधिक घर बह गए हैं और कई गांव बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।
हाईवे पर ट्रैफिक जाम
भारी बारिश के कारण शिमला और कुल्लू में कई पर्यटक फंस गए हैं। भारी बारिश के चलते हाईवे पर लंबा ट्रैफिक जाम लग गया है, जिससे पर्यटकों और स्थानीय लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। राज्य के विभिन्न हिस्सों में पहाड़ी नदियाँ उफान पर हैं, जिससे भूस्खलन की घटनाएं बढ़ गई हैं।
बचाव कार्य में जुटी टीमें
एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें बचाव कार्य में जुटी हुई हैं और फंसे हुए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जा रही हैं। बचाव कार्य के दौरान ड्रोन की मदद से प्रभावित क्षेत्रों की निगरानी की जा रही है। सेना, एनडीआरएफ, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल, पुलिस और होमगार्ड के जवान भी बचाव कार्य में लगे हुए हैं।
मुख्यमंत्री का दौरा और राहत की घोषणा
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर के साथ शिमला और कुल्लू जिले की सीमा पर स्थित समेज का दौरा करके स्थिति का जायजा लिया और पीड़ितों से बात की। मुख्यमंत्री ने पीड़ितों के लिए 50,000 रुपये की तत्काल राहत की घोषणा की है और अगले तीन महीनों के लिए किराये के लिए 5,000 रुपये प्रति माह देने का वादा किया है। इसके अलावा, पीड़ितों को रसोई गैस, भोजन और अन्य आवश्यक वस्तुएं भी प्रदान की जाएंगी।
प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति
बुधवार रात हिमाचल के कुल्लू, मंडी और शिमला जिलों में बादल फटने से अचानक बाढ़ आई। मंडी के राजबन गांव से दो शव और कुल्लू के निरमंड से एक शव बरामद किया गया। कुल्लू में श्रीखंड महादेव के आसपास फंसे करीब 300 लोग सुरक्षित हैं और मलाणा में करीब 25 पर्यटकों की स्थानीय लोग अच्छी तरह देखभाल कर रहे हैं।
प्रशासन की तत्परता
मौसम विभाग ने राज्य के कई जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है, जिससे स्थानीय प्रशासन चौकन्ना हो गया है। प्रशासन ने ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भूस्खलन की घटनाओं को देखते हुए पर्यटकों को भारी बारिश में बाहर न निकलने की सलाह दी है।
राहत और पुनर्वास के प्रयास
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि लोगों को बचाना राज्य की पहली प्राथमिकता है। लापता लोगों में 17-18 महिलाएं और 8-9 बच्चे शामिल हैं। राज्य सरकार ने प्रभावित लोगों के लिए विभिन्न राहत योजनाओं की घोषणा की है, जिनमें रसोई गैस, भोजन और अन्य आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति शामिल है।
हिमाचल प्रदेश में आई इस प्राकृतिक आपदा ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में भारी तबाही मचाई है। बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं ने कई लोगों की जान ले ली है और सैकड़ों लोग अभी भी लापता हैं। सरकार और प्रशासन की तत्परता और बचाव कार्यों के बावजूद, इस त्रासदी ने राज्य में एक बड़ी मानवीय संकट की स्थिति पैदा कर दी है। राहत और पुनर्वास के प्रयास जारी हैं और राज्य सरकार ने प्रभावित लोगों के लिए विभिन्न राहत योजनाओं की घोषणा की है। इस प्राकृतिक आपदा ने हिमाचल प्रदेश के लोगों के जीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है और उनके पुनर्वास और पुनर्निर्माण के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है।