सीता सोरेन, झारखंड की राजनीतिक सत्ता में एक प्रमुख नाम हैं जिन्होंने हाल ही में अपने परिवार से ब्रेक किया और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हो गईं। इस घटना के पीछे एक पूरी रणनीति छिपी है जो नागपुर की पूर्व नगर सेविका चेतन टांक ने तैयार की थी। चेतना टांक ने नागपुर में एक स्क्रिप्ट लिखी जिसमें सीता सोरेन को बीजेपी में लाने की रणनीति बनाई गई थी। इस स्क्रिप्ट का प्रभाव हुआ और सीता सोरेन ने बीजेपी में शामिल हो लिया।
सीता सोरेन के बीजेपी में शामिल होने की घटना काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि वे पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की भाभी हैं और झारखंड की राजनीतिक परिवेश में उनका परिवार बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है। उन्होंने झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया और इसके बाद बीजेपी में शामिल हो गईं। उन्होंने अपने इस्तीफे के संबंध में चिट्ठी में जाम से अपने ससुर, जेएमएम के अध्यक्ष शिबू सोरेन को भेजी थी।
चेतन टांक की माहिरी और रणनीति ने इस समर्थन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने सीता सोरेन के साथ संपर्क स्थापित किया और उन्हें बीजेपी में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया। चेतना टांक की सक्रियता और उनका नागपुर कनेक्शन इस प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
सीता सोरेन के बीजेपी में शामिल होने का प्रमुख कारण उनकी राजनीतिक संवादशीलता और उनके संबंधों की मजबूती है। वे झारखंड की राजनीतिक मानदंडों में अपनी अच्छी जानकारी के साथ सामंजस्यपूर्ण रहे हैं। उनके बीजेपी में शामिल होने से पार्टी को एक मजबूत और उत्तेजित नेता मिलेगा जो झारखंड में पार्टी की प्रतिष्ठा को बढ़ाएगा।
यह घटना झारखंड की राजनीतिक मानसिकता में भी एक महत्वपूर्ण परिवर्तन ला सकती है। सीता सोरेन के बीजेपी में शामिल होने से झारखंड की राजनीतिक समीक्षा में एक नई दिशा मिल सकती है।