सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट में जजों की नियुक्तियों पर केंद्र सरकार की देरी के साथ सम्बंधित यह मामला उठा है और इसके पीछे कुछ मुख्य कारण हो सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने 9 अक्टूवर तक केंद्र सरकार से इस मामले पर जवाब मांगा है और इसके पीछे कुछ मुख्य कारण हैं:-
नियुक्तियों की बड़ी संख्या: सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि केंद्र सरकार द्वारा हाईकोर्टों में जजों की नियुक्तियों की प्रक्रिया में देरी हो रही है। केंद्र सरकार ने 80 नामों की सिफारिश की है, लेकिन इन नामों पर अब तक फैसला नहीं लिया गया है।
चीफ जस्टिस की नियुक्ति: सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस की नियुक्ति भी लंबित है, और इसका असर हाईकोर्टों में न्यायपालिका के कामकाज पर पड़ सकता है।
सुप्रीम कोर्ट की जवाब की मांग: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब की मांग की है, जिसमें केंद्र से पूछा गया है कि वह 70 नामों पर क्यों नहीं फैसला लेती है और सिफारिश को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम को क्यों नहीं भेजती है।
अपील या निर्देशों का परिचय: सुप्रीम कोर्ट के जजों ने केंद्र सरकार से जवाब की मांग की है और एक सप्ताह का समय मांगा है। यह संवाद और विचारणा की चरण के दौरान महत्वपूर्ण हो सकता है।
इसलिए, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से इस मामले पर सख्ती दिखाई है और इसे मांगी गई अगली सुनवाई की 9 अक्टूवर तक निगरानी में रखा है। जजों की नियुक्तियों में हो रही देरी के कारण सुप्रीम कोर्ट ने अपनी चिंता व्यक्त की है और केंद्र सरकार से जवाब देने की तलब की है।